गृहस्थ आश्रम सभी आश्रमों में सर्वश्रेष्ठ है।” टिप्पणी कीजिए।

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गृहस्थ आश्रम अन्य तीनों आश्रमों में श्रेष्ठ कहा गया है। गृहस्थाश्रम अन्य तीनों आश्रम का आधार है, क्योंकि इसी आश्रम से शेष तीनों आश्रमों की आजीविका निर्भर करती है। ब्रह्मचर्य आश्रम के पश्चात् व्यक्ति का समावर्त संस्कार किया जाता था, जिसके बाद विवाह कर व्यक्ति गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करता था। इस आश्रम में व्यक्ति को कई प्रकार के कार्य सम्पन्न करने होते थे साथ ही आश्रम में व्यक्ति को तीन ऋणों से मुक्ति भी प्राप्त करनी पड़ती थी ये तीन ऋणऋषि ऋण, देवऋद्वारा देवऋण से मुक्त हो सकते थे। अध्ययन द्वारा ऋषि ऋण से तथा पुत्र की उत्पत्ति कर पितृ ऋण से गृहस्थाश्रम में व्यक्ति अपनी इन्द्रियों को सन्तुष्ट करता था जिससे विरक्ति के लिए मार्ग स्वच्छ हो जाय। इसके अलावा उसे सामाजिक दायित्वों का भी पालन करना पड़ता था उसे अनेक संस्कार करने पड़ते थे।

भारत में लैंगिक असमता किन-किन रूपों में देखी जा सकती है ?

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