ईसाई परिवार के उद्देश्य लिखिए।

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ईसाई परिवार के उद्देश्य (Objectives of Charistian Family)- धार्मिक आधार पर ईसाई परिवार के तीन उद्देश्य प्रमुख हैं- (1) सन्तान के जन्म तथा उनके पालन पोषण को ईश्वर की इच्छा समझना, (2) व्यभिचार से बचने के लिए विवाह करके परिवार की स्थापना करना तथा (3) पारस्परिक सहयोग के द्वारा एक-दूसरे की सहायता करना।

इस आधार पर एम. पी. जॉन (M. P. John) ने अपनी पुस्तक ‘द फैमिली’ में ईसाई परिवार के चार प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख किया है जिन्हें संक्षेप में निम्नांकित रूप से समझा जा सकता है।

(1 ) सन्तानोत्पत्ति

परिवार का सर्वप्रमुख उद्देश्य सन्तान के जन्म और पालन- पोषण की व्यवस्था करना है। इसी से परिवार और समाज की निरन्तरता बनी रहती है। वह कार्य ईश्वर की इच्छा मानकर करना चाहिए। सन्तान का जन्म परिवार के बिना भी हो सकता है लेकिन पवित्र सन्तान वहीं होती है जिसका जन्म परिवार के नियमों के अन्तर्गत होता है।

( 2 ) व्यभिचार पर नियन्त्रण

यौनिक सन्तुष्टि प्रत्येक मनुष्य की अनिवार्य आवश्यकता है। परिवार का उद्देश्य व्यक्ति को व्यभिचार और यौन सम्बन्धी पापों से बचाकर उसे समाज द्वारा मान्यता प्राप्त तरीकों से अपनी इस इच्छा को पूरा करने के अवसर प्रदान करना है। साधारणतया अविवाहित रहकर एक पवित्र और संयमित जीवन विताना अधिक अच्छा है लेकिन यदि व्यक्ति संयमपूर्ण जीवन नहीं बिता सकता तो यह अच्छा है कि वह परिवार की मर्यादाओं में रहकर व्यभिचार से दूर रहे। परिवार इसी उद्देश्य को पूरा करने का एक पवित्र साधन है।

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(3) पारस्परिक सहयोग

परिवार का तीसरा उद्देश्य पारस्परिक सहयोग में वृद्धि करके व्यक्तित्व का स्वाभाविक रूप से विकास करना है। परिवार का उद्देश्य पति-पत्नी को एक- दूसरे से प्रेम करने तथा बच्चों से स्नेह करने का अवसर प्रदान करना है। इस प्रेम और स्नेह में वह शक्ति होती है जो हमारे मन और शरीर को नया जीवन देती है।

(4) भौतिक सुविधाओं में वृद्धि

सदस्यों की सुख-सुविधाओं में वृद्धि करना परिवार का एक अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्य है। परिवार में जब सभी सदस्य अपनी स्थिति के अनुसार कुछ विशेष कर्तव्यों को पूरा करते हैं तो इससे सभी सदस्यों का जीवन सुखर और हितकारी इस्ते लगता है। इस प्रकार परिवार का उद्देश्य मानवीय प्रसन्नता में वृद्धि करना है।

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