ई-लर्निंग की उपयोगिता बताइए।

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ई-लर्निंग की उपयोगिता –

ई-लर्निंग वैयक्तिक व सामूहिक दोनों ही दृष्टियों से शिक्षण-अधिगम के क्षेत्र में उपयोगी हो सकती है। संक्षेप में इसकी उपादेयता निम्न प्रकार हैं-

  1. ई-लर्निंग की सबसे बड़ी विशेषता यह है. कि यह विद्यार्थी को उनकी अपनी आवश्यकताओं, योग्यता, क्षमताओं, मानसिक स्तर तथा उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप अधिगम अनुभव प्रदान करने की सामर्थ्य रखती है।
  2. इसके द्वारा वे सभी व्यक्ति शिक्षा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं जो किन्हीं कारणों से परम्परागत शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया से नहीं जुड़ पाते हैं।
  3. ई-लर्निंग द्वारा विद्यार्थियों को दुनिया की सबसे उत्तम अध्ययन सामग्री ज्ञान भंडार व ज्ञानार्जन के अवसर एक साथ एक से अधिक विद्यार्थियों को एक ही समय में प्रदान किये जा सकते हैं।
  4. ई-लर्निंग की एक मुख्य विशेषता इसका लचीलापन है। इसमें अधिगमकर्ता किसी भी माध्यम जैसे- सीडी, डीवीडी कम्प्यूटर तथा मोबाइल फोन से पाठ्यपुस्तक को छोटे-छोटे पदों के रूप में आवश्यकतानुसार ग्रहण कर सकता है।
  5. ई-लर्निंग का प्रयोग विद्यार्थियों को अधिगम करने के लिए अभिप्रेरित करने व उनकी रुचि को बनाने में भी किया जा सकता है। क्योंकि विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार कभी मल्टीमीडिया कभी इंटरनेट तथा वेब टेक्नोलॉजी इत्यादि से शाब्दिक व अशाब्दिक रूप में अधिगम सामग्री ग्रहण कर सकता है।
  6. ई-लर्निंग द्वारा व्यक्तिगत भिन्नताओं का ध्यान रखा जाता है। अधिगमकर्ता ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग टेक्नोलॉजी द्वारा अधिगम सामग्री की अपनी आवश्यकतानुसार पुनरावृत्ति कर सकता है।
  7. गेमिंग व टेक्नोलॉजी तथा अनुरूपित अनुदेशन के विशिष्ट प्रारूपों के माध्यम, ई लर्निंग शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को ऐसा स्वरूप प्रदान करती है जो परम्परागत शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में खेल-खेल में सीखना तथा व्यवहार में लाकर सीखने आदि शिक्षण सूत्रों को अपनाने प्राप्ति में परिलक्षित होता है।
  8. ई-लर्निंग द्वारा मूल्यांकन का कार्य भी किया जाता है। मूल्यांकन का कार्य अधिगमकर्ता स्वयं भी कर सकता है और शिक्षक द्वारा भी किया जा सकता है। निदानात्मक तथा उपचारात्मक शिक्षण प्रदान करने में भी यह तकनीकी अपेक्षाकृत अधिक सहयोगी है।

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