B.Ed. / BTC/ D.EL.ED / M.Ed. TEACHING

ई-लर्निंग की शैली के बारे में प्रकाश डालिए।

ई-लर्निंग की शैली

ई-लर्निंग की शैली में विभिन्न शैली निम्नलिखित हैं-

एसेक्रोनस सम्प्रेषण शैली

इस प्रकार के सम्प्रेषण में शिक्षक एवं विद्यार्थी दोनों एक साथ उपस्थित नहीं होते। अध्ययन सामग्री पहले से ही वेब पेज, वेब लॉग या ब्लाग्स विकीज और रिकॉर्डिड सी डी रोम एवं डी बी डी के रूप में उपलब्ध होती है। विद्यार्थी किसी भी समय अपनी सुविधा एवं गति के अनुसार उसका प्रयोग कर सकता है तथा दिये हुए कार्य को पूरा करके ई-मेल द्वारा शिक्षक को प्रेषित कर सकता है और अध्यापक अपनी सुविधानुसार उसकी जाँच कर विद्यार्थीको अध्ययन हेतु आगे बढ़ने के लिए कह सकता है।

सिक्रोनेस सम्प्रेषण शैली

इस सम्प्रेषण शैली के अन्तर्गत शिक्षक एवं विद्यार्थी दोनों ही एक निश्चित समय विशेष में इंटरनेट पर ऑन लाइन चैटिंग या ऑडियो-वीडियो कांफ्रेंसिंग के लिए उपस्थित होते हैं। इस प्रकार के सम्प्रेषण शिक्षक वो अपने विद्यार्थियों के साथ आवश्यक सूचनाओं, अधिगम सामग्री इत्यादि में भागीदारी करने का अवसर प्रदान करता है। विद्यार्थी अपनी समस्याओं के समाधान हेतु प्रश्न पूछ सकते हैं तथा शिक्षक द्वारा आवश्यक प्रतिपुष्टि प्राप्त कर सकते हैं।

भारत में विविधता के कारण ?

अतः इंटरनेट सेवाओं के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से परम्परागत कक्षा शिक्षण, अन्तःक्रिया न हो पाने के स्थान पर अप्रत्यक्ष रूप से शिक्षक व छात्र एक-दूसरे के सामने आकर अधिगम गतिविधियों में संलग्न रहने का अवसर प्राप्त होता है। ई-लर्नीग

About the author

pppatel407@gmail.com

Leave a Comment