Sociology

धर्म की विशेषता बताइए।

धर्म की विशेषता का उल्लेख निम्नलिखित प्रकार से किया गया है, जो इस प्रकार है

(1) अंततः समस्याओं का समाधान मानव जीवन की बहुत सी समस्याएँ ऐसी होती हैं जिनका समाधान उसके ज्ञान एवं बौद्धिकता से परे होता है। इन समस्याओं के बारे में धर्म निर्णायक निष्कर्ष प्रस्तुत करता है।

(2) आशा एवं शक्ति का स्त्रोत- धर्म मानव प्राणियों के लिए आशा एवं शक्ति के स्रोत के रूप में कार्य करता है।

(3) पवित्रता से सम्बन्ध धर्म का पवित्रता की भावना से घनिष्ठ सम्बन्ध है। दुर्खीम ने अपनी धर्म की व्याख्या का आधार पवित्र एवं अपवित्र अथवा साधारण (Sacred and profane) दो शब्दों को माना। आपने बताया कि धर्म का सम्बन्ध पवित्र मानी जाने वाली वस्तुओं से होता है। शक्तियों

(4) अलौकिक शक्ति में विश्वास- धर्म के अन्तर्गत लोग ऐसी अदृश्य अलौकिक एवं दिव्य में विश्वास करते हैं जो कि मानवोपरि एवं श्रेष्ठ है।

स्वतन्त्र भारत में प्रौढ़ शिक्षा के प्रसार हेतु आरम्भ किये गये महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की विवेचना कीजिए।

(5) पूजा आराधना- व्यक्ति अपने धार्मिक विश्वासों को पूजा एवं अराधना के द्वारा प्रकट रूप देता है तथा अपने इष्टदेव को प्रसन्न करने की चेष्टा करता है।

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