Sociology

धर्म का अर्थ एवं परिभाषा का वर्णन कीजिए।

“धर्म का अर्थ तथा परिभाषा – धर्म का अर्थ किसी अलौकिक शक्ति में विश्वास करना है।

मैलीनॉस्की ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘मैजिक, साइंस, रिलीजन एण्ड अदर ऐसेज’ में धर्म के मनोवैज्ञानिक और सामाजिक दोनों पक्षों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि “धर्म क्रिया की एक ‘विधि’ और विश्वासों की व्यवस्था है, इस प्रकार धर्म में सामाजिक तत्वों के साथ व्यक्तिगत अनुभवों का भी समावेश होता है।”

शिक्षा में समानता के सूचकों का वर्णन कीजिए।

फ्रेजर के शब्दों में, ” धर्म से मेरा तात्पर्य मनुष्य से श्रेष्ठ उन शक्तियों की सन्तुष्टि करना अथवा पूजा करना है जिनके बारे में व्यक्तियों का यह विश्वास हो कि वे प्रकृति और मानव जीवन को मार्ग दिखाती है तथा उन्हें नियन्त्रित करती हैं। ” सामान्य शब्दों में धर्म का तात्पर्य मनुष्य से श्रेष्ठ किसी अलौकिक शक्ति पर विश्वास करना है। इस विश्वास का आधार उस अलौकिक शक्ति के प्रति श्रद्धा, भक्ति, पवित्रता और भय को धारणा है जिसे हम प्रार्थना, पूजा और आराधना के द्वारा अभिव्यक्त करते हैं।

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