छोटे परिवार से लाभ
छोटे परिवार से लाभ – छोटा परिवार समाज की ऐसी इकाई हैं जिसमें माता, पिता तथा उनके अविवाहित बच्चे सम्मिलित हैं और जो उत्तरदायित्व तथा स्नेह की भावना में बंधे हुए हैं। भारतीय सामाजिक व्यवस्था को दृढ़ता प्रदान करके सहयोगी भावना को बढ़ावा देने, पारस्परिक अन्तः निर्भरता एवं आज्ञाकारिता की भावना को प्रोत्साहन देने तथा भारतीय सांस्कृतिक परम्परा एवं गरिमा को निरन्तरता प्रदान करने में छोटे परिवार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। छोटे परिवार के निम्नलिखित लाभ है
(1) बच्चों का समुचित पालन-
पोषण- छोटे परिवार में बच्चों का पालन-पोषण समुचित ढंग से हो सकता है। बच्चे आसानी से शिक्षा भी ग्रहण कर लेंगें कोई दिमागी परेशानी नहीं रहेगी। इस प्रकार छोटा परिवार बच्चों का आदर्श व्यक्तित्व के रूप में डालने में प्रमुख भूमिका निर्वाह करता है। परिवार के छोटे-बड़े सभी सदस्य अपनी शक्ति एवं क्षमता के अनुसार बालकों के नारित्रिक गठन में योगदान देते हैं।
(2) कम व्यय-
छोटे परिवार में भोजन एवं निवास की व्यवस्था छोटे रूप में होने के कारण व्यय भी कम होता है। कर्ता छोटी एवं थोड़ी पारिवारिक आय को प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न मदों में व्यय करता है। मितव्ययिता एवं धन के संचय को प्रोत्साहन दिया जाता है।
(3) पारिवारिक द्वेष एवं कलह का न होना-
छोटे परिवार में कोई भीड़-भाड़ का कतावरण नहीं होता जिसके कारण नव बंधुओं एवं बच्चों पर कोई कठोर नियन्त्रण नहीं रहता है साथ-साथ स्त्रियों में किसी भी काम-काज को लेकर कोई कलह, झगड़ा नहीं होता है।
(4) उच्च जीवन स्तर
छोटे परिवार में परिवार की आमदनी सोमित एवं कम तथा व्यय अधिक होने के कारण सामान्य जीवन स्तर ऊँचा हो रहता है।
अभियोग्यता की परिभाषा दीजिए। किन्हीं तीन अभियोग्यता परीक्षण के नाम लिखिए ।
(5) श्रम के विभाजन के आदर्श को प्रोत्साहन
छोटे परिवार में पुरुष वर्ग अपनी क्षमता एवं शक्ति एवं योग्यता के आधार पर उसकी आर्थिक समृद्धि में योगदान देता है। स्त्रियाँ एवं परिवार के अन्य छोटे बड़े सदस्य अपनी क्षमतानुसार परिवार को आन्तरिक व्यवस्था को दृढ़ बनाने में हाथ बंटाते हैं।