चन्देल साम्राज्य के पतन को रेखांकित कीजिए।

चन्देल साम्राज्य के पतन

विद्याधर के बाद उसका पुत्र विजय पाल शासक बना। महोबा अभिलेख के विवरण के अनुसार उसने कलचुरी वंश के राजा गंगदेव को परास्त किया था। 1029 से 50 ई. तक शासन करने के बाद विजयपाल के दो पुत्रों देववर्मन और कीर्तिवर्मन के हाथों में सता गयी। चरखारी अभिलेख के अनुसार देववर्मन को अपने समय में कलचुरि शासक लक्ष्मीकर्ण के आक्रमण का सामना करना पड़ा था जिससे वह दुखित हुआ था। चरखारी अभिलेख के अनुसार संसार नश्वर और दुःखपूर्ण है ऐसा देववर्मन ने उत्कीर्ण करवाया।

सम्भावना इस बात की भी व्यक्त की जाती है कि लक्ष्मीकर्ण ने देववर्मन से उसके राज्य का कुछ हिस्सा छीन लिया था। 1050 से 1060 ई. तक शासन करने के बाद देववर्मन ने सत्ता • अपने छोटे भाई कीर्तिवर्मन को सौंप दी। प्रबन्ध चन्द्रोदय महोबा और आजमगढ़ के अभिलेख से इस बात का पता चलता है कि कीर्तिवर्मन ने देववर्मन के समय में खोये हुए राज्य को पुनः हस्तगत कर लिया।

कीर्तिवर्मन के बाद उसका पुत्र सतक्षण वर्मन शासक हुआ अजयगढ़ अभिलेख के अनुसार इसने मालवों और कलचुरियों को परास्त किया था। संलक्षण वर्मन के पश्चात् चन्देल वंश में जयवर्मन और पृथ्वीवर्मन नामक शासक हुए।

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