चन्देल नरेश गण्ड का परिचय देते हुए उसकी उपलब्धियाँ लिखिए।

चन्देल नरेश गण्ड का परिचय

चन्देल नरेश गण्ड देव अपने पिता धंग की मृत्यु के पश्चात् चन्देलों का शासक बना। गण्ड के कोई अभिलेख न मिलने के कारण उसके शासनकाल की जानकारी के लिए हमें मुस्लिम इतिहासकारों के लेखों पर निर्भर रहना पड़ता है। इन इतिहासकारों ने गण्ड को नन्द नाम से उल्लिखित किया है। गण्ड अपने पिता धंग के समान ही वीर एवं पराक्रमी शासक था जब महमूद गजनवी ने सिन्धु नदी पारकर पंजाब पर आक्रमण किया तो गण्ड ने अन्य भारतीय नरेशों के साथ मिलकर एक संघ बनाया जिसमें कन्नौज, ग्वालियर, कालिंजर अजमेर और मालवा के शासक सम्मिलित थे।

फरिश्ता के अनुसार इस संघ के सभी शासक मुसलमानों को देश से बाहर निकालना अपना परम् कर्तव्य समझते थे। युद्ध आनन्दपाल के नेतृत्व में लड़ा गया लेकिन आनन्द पाल का हाथी भड़क गया जिससे संघ की सेना में भगदड़ मच गयी और महमूद की विजय हुई।

1947 की माऊटबेटन योजना की विवेचना कीजिए।

गण्ड का मूल्यांकन- यद्यपि गण्ड को महमूद के सामने पराजय झेलनी पड़ी लेकिन गण्ड बड़ा वीर और साहसी शासक था। उसने महमूद से जमकर संघर्ष किया जब तुर्क सेना के सामने बड़े-बड़े राजा-महाराजा धूल के समान उड़ रहे थे तब चन्देल नरेश गण्ड द्वारा महमूद की सेना से लोहा लेना वास्तव में उसकी वीरता और पराक्रम की कहानी कहता है। गण्ड एक योद्धा ही नहीं बल्कि निर्माणकर्ता भी था। खजुराहो में जगदम्बा और चित्रगुप्त मन्दिर का निर्माण उसी ने कराया था। निःसन्देह वह एक महान चन्देल शासक था। सन् 1017 ई. में उसकी मृत्यु हो गयी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top