चाहमान वंश के इतिहास की जानकारी के प्रमुख श्रोतों का वर्णन कीजिए।

चाहमान वंश के इतिहास की जानकारी के प्रमुख श्रोत

चाहमान वंश की जानकारी के लिए बिजौलिया प्रस्तर अभिलेख, दिल्ली शिवालिक स्तम्भ लेख, हर्ष प्रस्तर अभिलेख विशेष रूप से उल्लेखनीय है। बिजलिया प्रस्तर अभिलेख इस वंश के राजाओं की राजनैतिक उपलब्धियों के उत्कालीन सामाजिक, आर्थिक जानकारी का भी प्रमुख श्रोत है। इस वंश का प्रारम्भिक इतिहास तथा वंशावली की जानकारी का प्रमुख राज द्वितीय का हर्ष प्रस्तर अभिलेख है। दिल्ली शिवालिक स्तम्भ लेख जो विग्रहराज चतुर्थ के समय का है, से भी इस वंश के साम्राज्य की सीमाओं के निर्धारण के साथ-साथ अन्य दृष्टि से भी उपयोगी है।

इस युग की जानकारी के लिए उस समय में रचित अनेक साहित्य महत्वपूर्ण है। पृथ्वीराज विजय नामक महाकाव्य जो कि जयानक घट्ट द्वारा लिखा गया है, पृथ्वीराज तृतीय की उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत करता है। चन्दबरदाईद्वारा लिखित पृथ्वीराजरासो से चाहमान वंश के साथ-साथ अन्य राजपूतो राजवंशों पर भी प्रकाश डाला जा सकता है। विदेशों से बने वाले मुस्तिम लेखकों ने भी चाहमान इतिहास के सम्बन्ध में सूचनाएं प्रदान की है।

मुहम्मद बिन कासिम के आक्रमण की समीक्षा कीजिए।

चाहमान और तुर्कों के संघर्ष का विवरण प्रस्तुत करने वाले इतिहासकारों में अत्वरुनी, अतवा, हसन निजामी, मिन्हाजुद्दीन, फरिश्ता आदि का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। सामरिक विवरणों के साथ-साथ इन इतिहासकारों ने तत्कालीन सामाजिक तथा सांस्कृतिक दशा का भी उल्लेख किया है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top