Medieval History

रूस की कैथरीन द्वितीय की गृह और विदेश नीति की विवेचना कीजिए।

रूस की कैथरीन द्वितीय – पीटर महान् ने अपनी मृत्यु के समय रूस को एक गौरवशाली और शक्तिशाली देश के रूप में छोड़ा था किन्तु उसके अयोग्य उत्तराधिकारी उसे सम्भाल न सके। 1762 में जारिना ऐलिजाबेथ की मृत्यु के बाद जारिना ऐन का पुत्र पीटर तृतीत रूम की गद्दी पर बैठा, जिसका विवाह जर्मन मूल …

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रूस के पीटर महान् की गृहनीति और विदेश नीति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।

रूस के पीटर महान् – राजवंश के संस्थापक माइकेल के पौत्र पीटर महान को ही वास्तव में आधुनिक रूस का निर्माता कहा जाता है। पीटर का जन्म क्रेमलिन नगर में 30 मई 1672 को हुआ था। बाल्यावस्था में उसे कोई नियमित शिक्षा प्राप्त न हुई, अतः उसे समकालीन साहित्य, व्याकरण, भूगोल और गणित का विशेष …

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एला-शैपेल सन्धि क्या थी? स्पष्ट कीजिए।

एला-शैपेल सन्धि – 1740 ई. में चार्ल्स षष्टम की मृत्यु हो गई और ‘उत्तराधिकार स्वीकृति-पत्र’ के अनुसार उसकी ज्येष्ठ पुत्री मारिया थेरेसा आस्ट्रिया के सिंहासन पर आरूढ़ हुई। प्रशा के फ्रेडरिक महान ने उसके सिंहासन पर बैठते ही आस्ट्रिया के अधीनस्थ प्रान्त साइलेशिय पर आक्रमण कर दिया। इतना ही नहीं उसने प्रशा, स्पेन, फ्रांस, बवेरिया, …

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दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणों का वर्णन कीजिए।

दिल्ली सल्तनत के पतन – दिल्ली सल्तनत (1206 ई. से 1526 ई.) लगभग 320 वर्षो तक स्थापित रही। इस काल में दिल्ली के सिंहासन पर कई राजवंशों ने शासन किया। इनमें गुलाम वंश, खिलजीवंश, तुगलक वंश, सैय्यद वंश व लोदी वंश सम्मिलित हैं। जबकि मुगल वंश की सत्ता 1526 ई. से 1857 तक कायम रही। …

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गुलबदन बेगम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।

गुलबदन बेगम भारत में मुगल साम्राज्य के संस्थापक जहीरउद्दीन मुहम्मद ‘बाबर’ रिकी पुत्री और हुमायूँ की बहन थी। वह एक शिक्षित और सुसंस्कृत महिला थी। वह एक प्रसिद्ध लेखिका भी थी। प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति हुमायुं नामा गुलबदन बेगम द्वारा ही लिखी गयी हैं। यह ग्रन्थ फारसी भाषा में लिखित है। अकबर ने अकबरनामा के निर्माण …

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कैथरिन द्वितीय का जीवन चरित्र एवं कार्यों का मूल्यांकन कीजिए।

कैथरिन द्वितीय का जीवन चरित्र – कैथरिन द्वितीय का जन्म सन् 1762 में हुआ था। कैथरिन द्वितीय जन्मू से तो जर्मन थी, किन्तु विवाह के पश्चात् उसने पूरी तरीके से रूसी जीवन को अपना लिया था। कैथरिन द्वितीय काफी योग्य शासिका थी। यह समकालीन फ्रांसीसी दार्शनिकों के साथ पत्र- व्यवहार किया करती थी। कैथरिन उच्चकोटि …

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स्पेनी उत्तराधिकारी युद्ध का महत्व बताइए।

स्पेनी उत्तराधिकारी युद्ध का महत्व – स्पेन का शासक था और दो बहनों में से मेरिया थेरजा का विवाह लुई चौदहवें के साथ और मारग्रेट थिरेजा का हि बवेरिया के शासक मैक्समिलियन के साथ हुआ था। सम्राट लियोपोल्ड का पुत्र भी अपना अधिकार मांग रहा था। इस प्रकार स्पेनी साम्राज्य पर अधिकार प्राप्त करने के …

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सप्तवर्षीय युद्ध के कारण, परिणामों तथा महत्व की विवेचना कीजिए।

सप्तवर्षीय युद्ध के कारण – मेरिया विरिजा ने विवश होकर सन् 1748 ई. में साईलेशिया पर प्रशा के अधिकार को स्वीकार तो कर लिया, किन्तु यह साईलेशिया को प्राप्त करने के लिए पुनः लालायित हुई। अतः इस समय यूरोप की राजनीति में कूटनीति क्रान्ति आरम्भ हो गई। यूरोप प्रमुख रूप से दो खेमों में विखण्डित …

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खिलजी आन्दोलन के महत्व का वर्णन कीजिए।

खिलजी आन्दोलन के महत्व – खिलजी साम्राज्य की स्थापना जलालउद्दीन नामक एक तुर्क मुसलमान ने की थी। इसके पूर्वज अफगानिस्तान के थे और भारत में आकर बस गये थे। गुलाम वंशीय अन्तिम शासक कैकूबाद अत्यन्त दुर्बल शासक था, उसके शासन काल में जलालउद्दीन सेनामंत्री था। जब दरबार में गुटबंदी चल रही थी तो जलालउद्दीन के …

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तुजुक-ए-बाबरी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये।

तुजुक-ए-बाबरी भारत में मुगलवंश के संस्थापक जहीरउद्दीन मुहम्मद बाबर की आत्मकथा है। इसे ‘बाबर’ ने चुगतई तुर्की भाषा में लिखा है। इसका बाबरनामा के नाम से अनुवाद फारसी में अकबर के शासनकाल में अब्दुर्रहीम खान-ए-खाना ने किया। इसे वाक्याते बाबरी के नाम से भी जाना जाता है। बाबर नामा में भारत की तत्कालीन राजनीतिक, सामाजिक, …

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