सारोकिन (Sorokin) ने भौगोलिक पर्यावरण की प्रकृति को स्पष्ट करते हुए कहा है, “प्राकृतिक पर्यावरण का तात्पर्य उन सभी प्राकृतिक दशाओं और घटनाओं से है जिनका अस्तित्व मनुष्य के कार्यों से स्वतन्त्र है, जो मनुष्य द्वारा बनाया हुआ नहीं है और जो मनुष्य के कार्यों तथा अस्तित्व से प्रभावित हुए बिना स्वयं ही परिवर्तित होता रहता है। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि यदि हम एक व्यक्ति अथवा एक सामाजिक समूह के सम्पूर्ण पर्यावरण को लें और उसमें से उन सभी परिस्थितियों को घटा दें जो मनुष्य के कार्यों अथवा अस्तित्व से परिवर्तित हो गयी हों अथवा निर्मित हों तो जो कुछ भी शेष रहेगा, उसी को प्राकृतिक पर्यावरण कहा जायेगा।”
“विवाह एक धार्मिक संस्कार है।” वर्णन कीजिए।
मैकाइवर और पेज ने प्राकृतिक पर्यावरण को सम्पूर्ण पर्यावरण का वह भाग माना है जो पूर्णतया प्राकृतिक है। आपके अनुसार, “प्राकृतिक पर्यावरण में ये समस्त दशाएं सम्मिलित हैं जो प्रकृति मनुष्य को प्रदान करती है, जैसे पृथ्वी का धरातल भूमि और जल का वितरण, पर्वत और मैदान, खनिज पदार्थ, पौधे तथा पशु, जलवायु और समस्त प्राकृतिक शक्तियां, जैसे-