भारतीय संयुक्त परिवार की परिभाषा, विशेषता, कार्य एवं इनमें हो रहे आधुनिक परिवर्तनों की विवेचना कीजिए।

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भारतीय संयुक्त परिवार की परिभाषा-जिस परिवार में एकाकी परिवार से अधिक तीन या तीन से ज्यादा पीढ़ियों के सदस्य एक साथ एक ही घर (मकान) में निवास करते हैं तथा उनके सदस्य एक-दूसरे से सम्पत्ति, आय तथा पारस्परिक अधिकारों एवं कर्त्तव्यों के द्वारा सम्बद्ध हों, उसे संयुक्त परिवार कहा जाता है।

संयुक्त परिवार प्राचीन काल से ही भारतीय सामाजिक संरचना का एक महत्वपूर्ण अंग रहा है। वर्तमान समय में इसका महत्व समाप्त होता जा रहा है, लेकिन लोगों में अब भी यह पारिवारिक स्वरूप का आदर्श है।

श्रीमती इरावती कर्वे ने लिखा है, “एक संयुक्त परिवार उन लोगों का समूह है, जो साधारणत: एक ही भवन में रहते हैं, जो एक ही रसोई में बना हुआ भोजन करते हैं, जो सम्पत्ति के सम्मिलित स्वामी होते हैं, जो सामान्य पूजा में भाग लेते हैं और जो किसी-न-किसी प्रकार एक-दूसरे से रक्त सम्बन्धी हैं।”

प्रो० आई० पी० देसाई ने संयुक्त परिवार को परिभाषित करते हुए कहा है, “हम उस गृह को संयुक्त परिवार कहते हैं, जिसमें एकाकी परिवार से अधिक पीढ़ियों (तीन या अधिक) के सदस्य रहते हो और जिसके सदस्य एक-दूसरे से संपत्ति, आय और पारस्परिक अधिकारों तथा कर्त्तव्यों द्वारा सम्बद्ध हो।”

जौली के अनुसार, “न केवल माता-पिता तथा संतानें, भाई तथा सौतेले भाई सामान्य सम्पत्ति पर रहते हैं, बल्कि कभी-कभी इनमें कई पीढ़ियों तक की संताने, पूर्वज तथा सामानान्तर सम्बन्धी भी सम्मिलित रहते हैं।”

वी० आर० अग्रवार के अनुसार, “संयुक्त परिवार के सदस्य, परिवार और धर्म, पूंजी, के सामूहिक विनियोग, लाभ के सामूहिक उपयोग आदि के लिए परिवार के वयोवृद्ध सदस्य की सत्ता के अधीन होते हैं तथा जन्म विवाह और मृत्यु के अवसर पर सामूहिक कोष में से खर्च किया जाता है। “

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संयुक्त परिवार की विशेषताएं

  1. परिवार का एक बुजुर्ग सदस्य परिवार का कर्ता होता है। पारिवारिक मामलों में उसका निर्णय अंतिम होता है।
  2. संयुक्त परिवार में संपत्ति पर परिवार के सभी सदस्यों का सम्मिलित रूप से समान अधिकार होता है।
  3. संयुक्त परिवार में आम तौर पर तीन पीढ़ियाँ या उससे अधिक एक साथ निवास करती हैं जैसे-दादा-दादी, माता-पिता और बच्चे। इसी कारण संयुक्त परिवार का आकार बड़ा होता है। है।
  4. संयुक्त परिवार के सभी सदस्य सामान्य पितृ पूजा के कारण एक-दूसरे से बँधे रहते
  5. संयुक्त परिवार के सभी सदस्यों का भोजन एक सामान्य रसोई से ही संचालित होता है। सभी सदस्यों का भोजन संयुक्त रूप से पकता है।
  6. संयुक्त परिवार के सभी सदस्य सम्मिलित रूप में एक सामान्य निवास में रहते हैं।

संयुक्त परिवार के कार्य

संयुक्त परिवार के कार्यों को निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है-

  1. सामाजिक कार्य – 1. सामाजिक सुरक्षा, 2. बच्चों का समुचित पालन-पोषण, 3. सांस्कृतिक एकता, 4. सामूहिक जीवन की भावना, 5. व्यक्तित्व का विकास, 6. आदर्श शिक्षा, सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना, 8. सामाजिक नियन्त्रण।
  2. आर्थिक कार्य – 1. मितव्ययी, 2. उत्पादन में सहायक, 3. आर्थिक सुरक्षा, 4- समान वितरण।
  3. राष्ट्रीय कार्य – 1. देश तथा समाज सेवा की भावना, 2. सामुदायिक भावना, 3. राष्ट्रीय एकता ।
  4. . जैविकीय कार्य – 1. काम या यौन की तृप्ति, 2. सन्तानोत्पत्ति, 3. शिशु गृह के रूप में आदि।

संयुक्त परिवार में आधुनिक परिवर्तन

संयुक्त परिवार अत्पन्ना प्राचीन काल से भारतीय सामाजिक जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग रहा है। औद्योगिक क्रान्ति के पूर्व मानव-समाज कृषि प्रधान था। इसमें मानव श्रम परिवार के सदस्यों द्वारा ही प्राप्त होता। परंपरागत तकनीकों पर आवृत कृषि वाले समाज में अनेक लोगों की आवश्यकता होती है, जिसमें सामाजिक स्थापित्य अनिवार्य होता है और परंपरागत जीवन शैली सामाजिक आवश्यकता के अनुरूप होती है। इन सभी आवश्यकताओं की पूर्ति संयुक्त परिवार करता है। डॉ० आर० एन० सक्सेना ने कहा है कि समय-समय पर होने वाली पूजा-विधियों और उत्सवों द्वारा परिवार के सदस्यों में पारस्परिक निर्भरता और सहयोग का स्थापित होना, परिवार के प्रत्येक सदस्य की एक निश्चित स्थिति और कार्यों का परंपरानुसार पूर्व निर्धारित होना, कर्ता को सर्वोपरि अधिकार और सत्ता मिलना और कृषि पर आधृत सामाजिक-आर्थिक व्यवस्था आदि हिंदू परिवार की संयुक्त संरचना को स्थापित्य प्रदान करने के मुख्य कारण रहे हैं। परन्तु आज की परिस्थितियों बदल चुकी है। वर्तमान समय में संयुक्त परिवार की

संरचना और कार्य में अनेक परिवर्तन हुए हैं। अंग्रेजी शासनकाल में भारत के सामाजिक-आर्थिक स्वरूप में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं, जिससे संयुक्त परिवार भी प्रभावित हुआ। आज संयुक्त परिवार का आकार छोटा होता जा रहा है, परिवार के कर्ता की प्रभुता और अधिकार में कमी होती जा रही है एवं सदस्यों की भूमिकाओं में कमी देखी जा सकती है।

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