भारतीय समाज में मानव संसाधन प्रबन्ध का अर्थ एवं परिभाषा लिखिए।

भारतीय समाज में मानव संसाधन प्रबन्ध का अर्थ मानवीय साधनों का नियोजन, निर्देशन, नियंत्रण एवं विकास से है। सामान्य शब्दों में, किसी संगठन में मानव संसाधन प्रबन्ध वह प्रक्रिया है। जिसके द्वारा संगठन के कर्मचारियों को नियोजित ढंग से एक सतत् क्रम में सहायता की जाती है। ताकि वे अपनी वर्तमान एवं भावी भूमिकाओं से जुड़े विभिन्न कार्यों को निष्पादित करने हेतु वांछित क्षमताएँ ग्रहण कर सकें तथा उनमें सुधार कर सकें। दूसरे शब्दों में, मानव संसाधन प्रबन्ध एक ऐसा प्रबन्धकीय विभाग है जिसके द्वारा मानव संसाधन को संस्था के योग्य बनाने हेतु हर सम्भव प्रयास किये जाते हैं ताकि फर्म न्यूनतम लागत पर अधिकतम एवं श्रेष्ठतम निष्पादन की स्थिति में पहुँच जाये। इस हेतु यह विभाग अनेक कार्य करता है, जैसे कर्मचारियों का वैज्ञानिक चयन व भर्ती, उनमें कार्य का योग्यतानुसार बँटवारा करना, कार्य से सम्बन्धित विभिन्न बातों की जानकारी हेतु प्रशिक्षण की व्यवस्था करना, उनके कार्य व परिश्रम को दृष्टिगत रखते हुए मजदूरी, पदोन्नति, अवनति, स्थानान्तरण की नीतियाँ बनाना तथा उनके मनोबल व जीवन-स्तर में वृद्धि करने हेतु कल्याणकारी योजनाएँ बनाना।

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विभिन्न विद्वानों ने मानव संसाधन प्रबन्ध को निम्न प्रकार से परिभाषित किया है “मानव संसाधन प्रबन्ध, प्रबन्धकीय प्रक्रिया का वह भाग है जो मुख्य रूप से किसी संगठन के मानवीय तत्त्वों से सम्बन्ध रखता है।” -ई.एफ.एल. बीच

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