बेसिक शिक्षा पर महात्मा गाँधी के विचारों की विवेचन कीजिए।

बेसिक शिक्षा पर महात्मा गाँधी के विचार – भारत सरकार अधिनियम 1935 के क्रियान्वयन के फलस्वरूप सन् 1937 को प्रान्तीय स्वायत्तता दे दी गई जिसके फलस्वरूप प्रान्तों के सम्पूर्ण प्रशासकीय क्षेत्रों पर निर्वाचित सरकार का नियंत्रण हो गया तथा प्रान्तों के समस्त विषयों पर लोकप्रिय भारतीय मंत्रियों का अधिकार हो गया। शिक्षा सम्बन्धी अपने विचारों से देशवासियों को अवगत कराने के लिए महात्मा गाँधी ने जुलाई 1937 में हरिजन नामक समाचार पत्र में लेखों की एक श्रृंखला प्रकाशित की। वे भारत के पुर्ननिर्माण के महाकाव्य में शिक्षा के महत्व से भली-भाँति परिचित थे तथा इसीलिए उन्होंने शिक्षा सम्बन्धी एक योजना प्रस्तुत की जिसे बेसिक शिक्षा योजना के नाम से जाना जाता है। महात्मा गाँधी ने 13 जुलाई 1937 के ‘हरिजन’ में शिक्षा सम्बन्धी अपने विचारों को निम्न शब्दों में अभिव्यक्त किया

अनौपचारिक शिक्षा की विशेषताएँ लिखिए।

राष्ट्र के रूप में हम शिक्षा में इतने पिछड़े हुए हैं कि यदि हमने शिक्षा का कार्यक्रम धन पर आधारित किया हो तो हम राष्ट्र के प्रति शिक्षा के अपने कर्तव्य को इस पीढ़ी में एक निश्चित समय में पूर्ण करने की आशा नहीं कर सकते हैं। अतः मैने यह प्रस्ताव करने का साहस किया है कि शिक्षा आत्म-निर्भर होनी चाहिए। शिक्षा से मेरा अभिप्राय

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top