बाण के हर्ष चरित्र पर एक टिप्पणी लिखिए।

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बाण के हर्ष चरित्र

सम्राट हर्षवर्धन का इतिहास जानने का सबसे महत्वपूर्ण साहित्यिक श्रोत ‘हर्ष चरित्र’ ही है। हर्ष चरित्र नामक ग्रन्थ में हर्ष की जीवनी को गद्य-काव्य के रूप में लिखा गया है। इस ग्रन्थ का रचयिता बाणभट्ट था जो एक उच्चकोटि का संस्कृत गद्य-लेखक एवं सम्राट हर्ष का राजकवि था । राजकवि होने के कारण यह स्वीकार करना पड़ेगा कि हर्ष के शासन की पर्याप्त जानकारी बाण को थी। इसीलिए बाण ने अपने को कन्नौज के राजा हर्षवर्धन का सभा पण्डित बतलाया है। हर्ष की सभा के पण्डित होने के कारण इनका ‘हर्षचरित’ युअनच्चांग के विवरण से अधिक विश्वसनीय माना जाता है।

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यह सत्य है कि बाण ने कवि कल्पना एवं अतिशयोक्तियुक्त भाषा का कहीं-कहीं प्रयोग किया है फिर भी हर्षकालीन इतिहास जानने के लिए यह अनमोल साधन है, यद्यपि इसमें हर्ष के प्रारम्भिक जीवन तथा राज्यारोहण मार का ही वृत्तान्त है।

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