असीरियन व्यापार वाणिज्य – असीरिया के निवासी व्यापार वाणिज्य में रूचि नहीं लेते थे तथा वहाँ का श्रीमन्त वर्ग इससे घृणा करता था। कम दाम पर माल खरीद कर उसे अधिक दाम पर बेचना वे अत्यन्त गर्हित कार्य मानते थे। असीरियनों की व्यापार के प्रति इस उदसीनता का लाभ ऐरेमियनों ने उठाया तथा असीरिया का समस्त व्यापार उन्हीं के हाथों में आ गया। असीरिया में व्यापारी तथा बँकर धन लगाकर माल अर्जित करते तथा सौदागर उस माल को बाहरी देशों में ले जाते थे। इससे सौदागरों को काफी लाभ मिलता था क्योंकि वे बड़ी सरलता से व्यापारियों को उनकी पूँजी पर पचास प्रतिशत ब्याज दे देते थे। सोना, चाँदी तथा ताँबा के टुकड़े विनिमय के माध्यम के रूप में प्रयुक्त होते थे क्योंकि सिक्कों का प्रचनल नहीं थी।
प्राचीन मिस्र के सामाजिक जीवन पर प्रकाश डालिये।
असीरियन विधि संहिता में व्यापार विषयक अनेक नियम मिलते हैं जिनका कठोरता के साथ पालन किया जाता था। असीरियन व्यापार का सम्बन्ध धर्म से था। यदि कोई लिखित समझौते की शर्तों का उल्लंघन करता था तो उसे देवता के मन्दिर में धन का दस गुना जमा करना पड़ता था। असीरियनों का व्यापारिक संबंध सीरिया, फिलीस्तीन, साइप्रस तथा क्रीट के साथ था।