असीरियन साहित्य – साहित्य असीरिया के लिपिकों और बौद्धिकों ने प्राचीन कीलाक्षर लिपि को अपनाकर इसमें कई नवीन अक्षराकार जोड़े। प्राचीन सुमेरियन, अक्कादी और एरेमियन भाषायें यहाँ प्रचलित थीं। शिक्षा की बेबीलोनियन परम्परा प्रचलित रही और अभिलेख लिखने की कला (तुप शरुति) भी असीरियनों को शब्दकोष तैयार करने का शौक था। असुर वनिपाल के निनिवेह स्थित संग्रहालय से गिलगमेश महाकाव्य और सृष्टि आख्यान के अवकादीसंस्करण उपलब्ध हुये हैं। असीरियनों को मेसोपोटामिया के साहित्य के संरक्षण का श्रेय प्राप्त है। उसका ग्रन्थालय’ (मिट्टी की पट्टिकाओं पर उत्कीर्ण ग्रन्थ) प्रसिद्ध है जिसमें 20 हजार से अधिक ‘ग्रन्थ’ मिले हैं। राजकीय विवरण, देवस्तुति, ज्योतिष विद्या, औषधि शास्त्र, मन्त्र तथा उपासना सूत्र अधिक मिले हैं, मौलिक साहित्यिक कृतियों का अभाव है।
प्राचीन मिस्र में मरणोत्तर जीवन की अवधारणा को प्रस्तुत कीजिए।
असीरिया के बौद्धिक जगत में, हालांकि संवत् का ज्ञान नहीं था, फिर भी ऐतिहासिक का प्रमाण किला है। मिट्टी की पट्टिकाओं पर राजाओं के युद्धों का जो विवरण मिला है उसे इतिहासेतर कहना न्यायसंगत नहीं होगा। लिम्मू सूची तथा त्रिपार्श्व अभिलेख भी महत्वपूर्ण साधन हैं।