असीरिया की सामाजिक संरचना – असीरियन समाज में मुख्यतः चार वर्ग थे-पहला उच्च वर्ग (मारबनुती) समाज का प्रधान भूस्वामी वर्ग था। इसमें राजपरिवार, प्रान्तीय शासक, पुरोहित, सेनानायक और उच्च सैनिक तथा प्रशासकीय पदों पर नियुक्त लोग थे। भूमि उन्हें पद के अनुसार दी जाती थी और वंशानुगत उत्तराधिकार में प्राप्त जमीन और खरीदी हुई जमीन इसके अलावे थी। दूसरा वर्ग उम्मेौन कहलाता था जिसमें लिपिक, शिल्पी, व्यापारी और वैद्य जैसे पेशेवर लोग थे। राज्य की समृद्धि उन पर निर्भर थी। उनके श्रेणी संगठन पर राज्य का नियन्त्रण था। तीसरा वर्ग खुशी (हुप्शी) था ये लोग भूमिहीन किसान और मजदूर थे जो पूरी तरह उच्च वर्ग पर अवलम्बित थे। ज्यादातर सैनिक इसी वर्ग से भर्ती किये जाते थे।
अमीरियन लोगों के समाजिक जीवन पर प्रकाश डालिए।
इस वर्ग की आर्थिक अवस्था शोचनीय थी और वे साहूकारों द्वारा, कर्ज न चुकाने के कारण प्रायः दास बना लिये जाते थे। कभी-कभी वर्ग संतरण भी सम्भव हो जाता था। व्यावहारिक रूप से आर्थिक विपन्नता के कारण इनमें और दासों में कोई विशेष अन्तर नहीं रह गया था। चौथा वर्ग दास (अर्दी) लोगो का था। इनमें अधिकतर युद्धबन्दी थे। दासों का क्रय-विक्रय भी होता था। कुछ विशेष कृपापात्र दास उच्च पदों पर भी पहुँचे थे। युद्धों में भी दासों से काम लिया। जाता था।