अनुसंधान सेवा का क्या अर्थ है? अनुसंधान सेवा की परिभाषा बताइये।

अनुसंधान सेवा का अर्थ

अनुसंधान सेवा का अर्थ -अनुसंधान के द्वारा उन मौलिक प्रश्नों के उत्तर देने के प्रयास किया जाता है जिनका उत्तर अभी तक उपलब्ध नहीं हो सका है। यह उत्तर मानवीय प्रयासों पर आधारित होता है इस प्रत्यय को चन्द्रमा के एक उदाहरण से स्पष्ट किया जा सकता है। कुछ वर्ष पहले जब तक मनुष्य चन्द्रमा पर नहीं पहुँचा था, चन्द्रमा वास्तव में क्या हैं ? इस सम्बन्ध में सही जानकारी नहीं थी। यह एक समस्या भी थी जिसका कोई समाधान भी नहीं था। मनुष्य को चन्द्रमा के सम्बन्ध में मात्र आवधारणाएं ही थी, शुद्ध ज्ञान नहीं था। परन्तु मनुष्य अपने प्रयास से चन्द्रमा पर पहुँच गया है। इस प्रकार शोध कार्यों द्वारा उन प्रश्नों का उत्तर खोजने का प्रयास किया जाता है जिनका उत्तर साहित्य में उपलब्ध नहीं है अथवा मनुष्य की जानकारी में नहीं है। उन समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयत्न किया जाता है जिसका समाधान उपलब्ध नहीं है और न ही मनुष्य की जानकारी में है।

अनुसंधान की परिभाषा ( Definition of Research)

अनेक परिभाषाएं अनुसन्धान की गई है प्रमुख परिभाषा इस प्रकार हैं

रेडमेन एवं मोरी के अनुसार “नवीन ज्ञान की प्राप्ति के लिए व्यावस्थित प्रयास ही अनुसंधान हैं।”

पी०एम० कुक के अनुसार- ‘अनुसंधान किसी समस्या के प्रति ईमानदारी एवं व्यापक रूप में समझदारी के साथ की गई खोज है जिसमें तथ्यों, सिद्धान्तों तथा अयों की जानकारी की जाती है। अनुसंधान की उपलिब्ध तथा निष्कर्ष प्रामाणिक तथा पुष्टि करने योग्य होते हैं। जिससे ज्ञान में वृद्धि होती है।

अनुसंधान के उद्देश्य (Ujectives of Research)

शोध समस्याओं की विविधता अधिक है इसके चार प्रमुख उद्देश्य होते हैं

  1. सैद्धान्तिक उद्देश्य
  2. तथ्यात्मक उद्देश्य
  3. सत्यात्मक उद्देश्य तथा
  4. व्यावहारिक इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है

(1 ) सैद्धान्तिक उद्देश्य (Theoretical Objectives)-

अनुसंधान में वैज्ञानिक शोध कार्य द्वारा नये सिद्धान्तों तथा नये नियमों का प्रतिपादन किया जाता है। इस प्रकार के शोध कार्य में अर्थापन होता है। इसमें चरों के सम्बन्धों को प्रगट किया जाता है और उनके सम्बन्ध में सामान्यीकरण किया जाता है इससे नवीन ज्ञान की वृद्धि होती है, जिनका उपयोग शिक्षण तथा निर्देशन की प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाना है।

(2) तथ्यात्मक उद्देश्य (Factual Objectives)

शिक्षा के अन्तर्गत ऐतिहासिक शोध कार्यों द्वारा नये तथ्यों की खोज की जाती है। इनके आधार पर वर्तमान को समझने में सहायता मिलती है। इन उद्देश्यों की प्रकृति वर्णनात्मक होती है क्योंकि तथ्यों की खोज करके, उनका अथवा घटनाओं का वर्णन किया जाता है नवीन तथ्यों की खोज शिक्षा प्रक्रिया के विकास तथा सुधार में सहायक होती है, निर्देशन प्रक्रिया का विकास तथा सुधार किया जाता है।

( 3 ) सत्यात्मक उद्देश्य (Establishment of Truth Objedtive)

दार्शनिक शोध कार्यों द्वारा नवीन सत्यों का प्रतिपादन किया जाता है। इनकी प्राप्ति अन्तिम प्रश्नों के उत्तरों से की जाती है। दार्शनिक शोध कार्यों द्वारा शिक्षा के उद्देश्यों, सिद्धान्तों तथा शिक्षण विधियों तथा पाठ्यक्रम की रचना की जाती है। शिक्षा की प्रक्रिया के अनुभवों का चिन्तन वैद्धिक स्तर पर किया जाता है। जिससे नवीन सत्यों तथा मूल्यों को प्रतिपादन किया जा सकता है।

(4) व्यावहारिक उद्देश्य (Application Objectives)

शैक्षिक अनुसंधा निष्कर्षो का व्यावहारिक प्रयोग होना चाहिए। परन्तु कुछ शोध कार्यों में केवल इन्हें विकासात्मक अनुसन्धान भी कहते है। क्रियालक अनुसन्धान से शिक्षा की प्रक्रिया में सुधार तथा विकास किया जाता है अर्थात् इनका उद्देश्य व्यावहारिक होता है। स्थानीय समस्या के समाधान से इसका उपयोग अधिक होता है। स्थानीय समस्या के समाधान से भी इस उद्देश्य की प्राप्ति की जाती है। निर्देशन में इसकी उपयोगिता अधिक होती है।

अनुसन्धान का वर्गीकरण

अनुसन्धान के उद्देश्यों से यह स्पष्ट है कि अनुसन्धानों का वर्गीकरण कई प्रकार से किया

जा सकता है। प्रमुख वर्गीकरण मानदण्ड पर आधारित है योगदान की दृष्टि से (Contribution Point of View)

शोध कार्यों के योगदान की दृष्टि से

अनुनको दो भागों में विभाजित कर सकते हैं

(1) भौतिक अनुसंधान (Basic or Fundamental Research)-

इन शोध कार्य द्वारा नवीन ज्ञान की वृद्धि की जाती है-नवीन सिद्धान्तों का प्रतिपादन नवीन तथ्यों की खोज. नवीन तथ्यों का प्रतिपादन होता है। मौलिक अनुसन्धानों से ज्ञान के क्षेत्र में वृद्धि की जाती है। इन्हें उद्देश्यों की दृष्टि से तीन भागों में बाँटा जा सकता है

हर्ष का जीवन परिचय प्रस्तुत कीजिए।

  • (अ) प्रयोगात्मक शोध कार्यों से नवीन सिद्धान्तों तथा नियमों का प्रतिपादन किया जाता है। सर्पक्षण शोध इसी प्रकार का योगदान होता है।
  • (ब) ऐतिहासिक शोध कार्यों से नवीन तथ्यों की खोज की जाती है। जिनमें अतीत का अध्ययन किया जाता है और उनके आधार पर वर्तमान को समझने का प्रयास किया जाता है।
  • (स) दार्शनिक शोध कार्यों से नवीन सत्यों एवं मूल्यों का प्रतिपादन किया जाता है। शिक्षा का सैद्धान्तिक दार्शनिक अनुसन्धान से विकसित किया जा सकता है।

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