अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने व्यवसायिक निर्देशन की परिभाषा किस प्रकार दी है?

सर्वप्रथम 1949 ई० में अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने व्यवसाय निर्देशन को परिभाषा देते हुए कहा- ‘व्यक्ति के गुणों तथा उनका व्यवसायिक अवसरों के साथ सम्बन्ध को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति को व्यवसाय चयन और उसमें प्रगति से सम्बन्धित समस्याओं को हल करने में दी जाने वाली सहायता ही व्यवसायिक निर्देशन है।

अतः आगे व्यवसाय निर्देशन के बारे में यह कहा गया है कि व्यक्तिगत निर्देशन वह सहायता है जो व्यक्ति को अपनी क्षमताओं का दिग्दर्शन इच्छित शक्तियों की तुलना में कराता है। इस अर्थ के दो पहलू हैं

नातेदारी की रीतियों एवं महत्व का वर्णन कीजिए।

  1. प्रथम व्यक्ति में शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक रूचि, अभिरूचि, विशिष्ट, सीमाएँ व्यक्तित्व इत्यादिसम्बन्धी विभिन्न पायी जाती है।
  2. दूसरी तरफ प्रत्येक व्यवसाय, विभिन्न प्रकार की योग्यता तथा क्षमता चाहता है।

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