अमेरिकी संविधान के सामाजिक एवं आर्थिक आधार – संयुक्त राज्य अमेरिका पचास राज्यों का एक संघ है। भौगोलिक दृष्टि से यह एक विशाल देश हैं। इसके उत्तर में कनाडा और दक्षिण में मेक्सिको है। पूरब में अटलांटिक महासागर और पश्चिम में प्रशन्त महासागर है। संसार की सबसे बड़ी नदी मिसोरी-मिसीसिपी यहीं बहती है।
प्राकृतिक सम्पदा की दृष्टि से अमेरिका एक समृद्ध देश है। यहाँ सोना, चाँदी, कोयले और यूरेनियम के भरपूर भण्डार हैं। सघन खेती करके गेहूँ, गन्ना, कपास, मक्का और सोयाबीन बहुत उत्पन्न किया जाता है। अमेरिका में अत्यधिक औद्योगीकरण है, फलस्वरूप अमेरिका संसार का सबसे धनी देश है।
अमेरिका का संविधान विश्व का सबसे पुराना लिखित संविधान हैं। तत्कालीन कृषिप्रधान देश के लिए निर्मित यह संविधान आज के औद्योगिक अमेरिका में भी सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। अमेरिकी संविधान का निर्माण चार चरणों में पूरा हुआ है
- औपनिवेशिक युग,
- स्वतन्त्रता की घोषणा,
- परिसंघ की स्थापना,
- संविधान की रचना।
1492 में कोलम्बस ने यूरोप के लिए नई दुनिया की खोज अमेरिका के रूप में की। बाहर से आकर लोग यहाँ बसने लगे। धीरे-धीरे बहुत से प्रदेश इंग्लैण्ड के अधीन हो गए। धीरे धीरे स्थानीय लोगों में राजनीतिक जाति और स्वतन्त्रता के अंकुर फूटने लगे। 1763 में इंग्लैण्ड और फ्रांस में सप्तवर्षीय युद्ध समाप्त हुआ। इंग्लैण्ड युद्ध में विजित हुआ, परन्तु उसकी आर्थिक स्थिति बहुत शोचनीय हो चुकी थी। अतः इंग्लैण्ड ने अमेरिकी निवासियों पर कर लगा दिये जिसका लोगों ने विरोध किया और ‘No Taxation without Representation‘ का नारा लगाया। उपनिवेशों की शोचनीय स्थिति पर विचार करने के लिए समय-समय पर सम्मेलन हुए। 1776 में ही सभी उपनिवेशों के प्रतिनिधियों ने मिलकर एक परिसंघ बनाया। बाद में फिलाडेल्फिय सम्मेलन में वर्तमान संविधान बनाया गया जो 1789 में लागू हुआ।
दिल्ली सल्तलन की शासन व्यवस्था ।
फिलाडेल्फिया सम्मेलन में ही प्रतिनिधि फेडरलिस्ट व एण्टीफेडरलिस्ट मुद्दे पर विभाजित हो गये थे। आगे चलकर ये ही रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी में बदल गये। रिपब्लिकन व डेमोक्रेटिक पार्टी में सैद्धान्तिक रूप से बहुत कम अन्तर पाया जाता है। वहाँ के लोग आर्थिक रूप से सम्पन्न है। पूँजीवाद के वे लोग समर्थक हैं। रूढ़िवादिता रह क्षेत्र में दिखाई पड़ती है। वहाँ Laissez-Fair Economy की प्रधानता है। Welfare Programmes चलते रहते हैं। समाज में कुरीतियाँ नहीं है। दास प्रथा का अन्त हो चुका है। रंगभेद की समस्या भी अब कम है। बराक ओबामा (अश्वेत राष्ट्रपति) आज अमेरिका के राष्ट्रपति है।