अमेरिका में सीनेट राष्ट्रपति नियन्त्रण- संविधान के अनुसार कार्यपालिका सम्बन्धी शक्तियाँ यद्यपि राष्ट्रपति को सौंपी गयी तथापि नियन्त्रण और सन्तुलन प्रणाली के आधार पर कार्यपालिका पर कांग्रेस का नियन्त्रण भी रखा गया। वस्तुतः राष्ट्रपति पर कांग्रेस के दोनों सदनों का नहीं, सीनेट का नियन्त्रण अधिक है।
संविधान के अनुसार राष्ट्रपति द्वारा की गयी सभी नियुक्तियों पर सीनेट की स्वीकृति आवश्यक है। यहाँ तक सिद्धानतः राष्ट्रपति जब अपने मन्त्रियों की भी नियुक्ति करता है तो उस पर भी सीनेट की अनुमति लेनी पड़ती है। परन्तु सामान्यता सीनेट राष्ट्रपतिद्वारा की गयी सभी नियुक्तियों पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर देती है। इससे यह अर्थ नहीं निकालना चाहिए कि सीनेट द्वारा नियुक्तियों पर स्वीकृति प्रदान करने का अधिकार खोखला है। अनेक अवसरों पर सीनेट ने अपने इस अधिकार का प्रयोग किया भी है।
बोदां के राज्य सम्बन्धी विचार लिखिए।
वर्तमान समय में इस सम्बन्ध में एक प्रथा विकसित हो गयी है, जिसे सीनेटीय शिष्टता कहा जाता है। इसके अनुसार राष्ट्रपति जब एक राज्य में किसी महत्वपूर्ण अधिकारी की नियुक्ति करता है तो वह नियुक्ति करने से पूर्व उस राज्य के सीनेट के सदस्यों की राय जान लेता है। सीनेट के सभी सदस्य अपने इस अधिकार के प्रति अत्यन्त जागरुक है। यदि कोई राष्ट्रपति सीनेट के सौजन्य का पालन नहीं करता तो प्रायः सीनेट के सभी सदस्य अपने दल को भूलकर, राष्ट्रपति द्वारा की गयी नियुक्ति को अस्वीकार कर देते हैं।