मौलिक अधिकार में निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उपबन्ध
बालकों के लिये निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा हेतु उपबन्ध करने का निदेश राज्य को अनुच्छेद 45 के अधीन दिया गया है। इस अनुच्छेद में किया गया उपबंध इस प्रकार है “45, राज्य इस संविधान के प्रारंभ से दस वर्ष की अवधि के भीतर सभी बालकों को चौदह
वर्ष की आयु पूरी करने तक निःशुल्क अनिवार्य शिक्षा देने के लिये उपबंध करने का प्रयास करेगा।” यह अनुच्छेद चौदह वर्ष तक के बालकों के लिये निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के नत उपबन्ध करने के लिये राज्य को निर्देश देता है। इस निदेशक तत्त्व के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय ने यह मत व्यक्त किया है कि राज्य यदि इस पवित्र उत्तरदायित्व का निर्वहन सरकार और सहायता प्राप्त विद्यालयों के माध्यम से करता है तो इसका कार्य इस निदेश का अनुपालन माना जाएगा, परन्तु इस उत्तरदायित्व का निर्वहन वह अल्पसंख्यकों के सांविधानिक अधिकारों के मूल्य पर नहीं कर सकता है। कारण यह है कि यह अनुच्छेद राज्य को यह अधिकार नहीं देता कि वह अल्पसंख्यक समुदाय के अनुच्छेद 30 (1) के अधीन अपनी रुचि की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना करने के लिये मूल अधिकार का अध्यारोपण करें।