अलाउद्दीन की बाजार व्यवस्था का मूल्यांकन गुण-दोष के आधार पर कीजिए।

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अलाउद्दीन की बाजार व्यवस्था का मूल्यांकन – अलाउद्दीन की बाजार नियंत्रण व्यवस्था अलाउद्दीन खिलजी के पास एक विशाल सेना थी जो उसके शासन का आधार थी। इस सेना को बनाये रखने के लिए आवश्यक था कि उस सेना की जरूरत की सभी वस्तुओं के दामों पर राज्य का नियंत्रण रहे। अतः उसने बाजार पर समुचित नियंत्रण हेतु बाजार व्यवस्था की एक व्यापक योजना तैयार की। उसने विभिन्न वस्तुओं की मूल्य सूची तैयार कराकर मण्डी में घोषित करावी वस्तुओं तथा भावों की देखभाल हेतु अधिकारियों की नियुक्ति की बाजार व्यवस्था के नियमों को भंग करने पर कठोर दण्ड का प्रावधान किया। बाजार व्यवस्था के अन्तर्गत सरकारी भण्डार स्थापित कराये। पृथक- पृथक वस्तुओं के लिए अलग-अलग मण्डियां बनवायी। इसके परिणामस्वरूप राज्य एवं सेना को तो लाभ मिला ही जनता भी इस योजना से लाभान्वित हुयी।

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उसे सस्ते रेट पर सब माल प्राप्त होने लगा। यद्यपि उसकी योजना सफल रही लेकिन इसमें कई दोष भी थे। इसमें कठोर सज़ा का प्रावधान था जिसमें व्यापारी डरने लगे। दूसरी ओर यह योजना केवल दिल्ली और उसके आस- पास के क्षेत्रों में ही लागू हो सकी साम्राज्य के अन्य भागों यह लागू नहीं की जा सकी। फिर भी यह योजना बहुत सफल थी और आम जनता को इससे बहुत लाभ हुआ।

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