अलाउद्दीन के शासन कार्यों का मूल्यांकन- विजेता की दृष्टि से अलाउद्दीन का स्थान भारतीय इतिहास में बहुत ऊँचा है लेकिन उसकी सैन्य विजयों के अधिक महत्व उसके शासन सुधारों का है। एक जन्मजात योद्धा और सैन्य होने के साथ-साथ अलाउद्दीन में एक सफल शासक के गुण भी थे। वह प्रथम तुर्क सुल्तान था जिसने एक शक्तिशाली स्थाई सेना की स्थापना की। उसे ऐसा प्रथम तुर्क सुल्तान होने का भी श्रेय प्रदान किया जा सकता है जिसने भूमिकर के नियमों में सुधार किया। उसने सुधारों में मौलिकता के दर्शन होते हैं। अलाउद्दीन खिलजी प्रथम तुर्क सुल्तान था जिसने अपने राज्य को धर्म निरपेक्ष और शासन-व्यवस्था को उलेमा के प्रभुत्व से मुक्त किया। राज्य के मामलों में उसका दृष्टिकोण धर्म-निरपेक्ष था लेकिन अपने व्यक्तिगत मामलों में यह कट्टर मुसलमान था। अलाउद्दीन निरक्षर था किन्तु उसे विद्या से अनुराग था।
सुल्तान ग्यासुद्दीन तुगलक की आर्थिक नीति का मूल्यांकन कीजिए।
शेख निजामुद्दीन आलिया और शेख स्कन्दीन जैसे सन्त-महात्माओं ने उसके शासन काल के गौरव में अभिवृद्धि की वह एक निर्माता भी था उसने दिल्ली में अनेक भव्य भवनों का निर्माण करया था । अलाउद्दीन अशिक्षित था फिर भी उसमें निजी प्रतिमा थी। वह प्रत्येक प्रश्न को अपने दृष्टिकोण से देखता था। भारत के इतिहास में उनका नाम सदा अच्छे सेनापति तथा योग्य शासन प्रबन्धक के रूप में लिया जायेगा।”