अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) क्या है?

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अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् की स्थापना नवंबर 1945 में एक राष्ट्रीय स्तर की सर्वोच्च सलाहकार संस्था के रूप में की गई थी, जो तकनीकी शिक्षा के लिए उपलब्ध सुविधाओं पर सर्वेक्षण करने और देश में समन्वित और एकीकृत तरीके से विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई थी।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् भारत में नई तकनीकी संस्थाएँ शुरू करने, नए पाठ्यक्रम शुरू करने और तकनीकी संस्थाओं में प्रवेश क्षमता में फेरबदल करने हेतु अनुमोदन देती है। यह ऐसी संस्थाओं के लिए मानदंड भी निर्धारित करती है। इसकी स्थापना 1945 में सलाहकार निकाय के रूप में की गई थी और बाद में संसद के अधिनियम द्वारा 1987 में इसे संविधिक दर्जा प्रदान किया गया।

इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है जहाँ इसके अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सचिव के कार्यालय हैं। कोलकाता, चेन्नई, कानपुर, मुम्बई, चंडीगढ़, भोपाल और बंगलौर में इसके 7 क्षेत्रीय कार्यालय स्थित हैं। हैदराबाद में एक नया क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किया गया है। यह तकनीकी संस्थाओं के प्रत्यायन या कार्यक्रमों के माध्यम से तकनीकी शिक्षा के

गुणवत्ता विकास को भी सुनिश्चित करती है। अपनी विनियामक भूमिका के अलावा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् की एक बढ़ावा देने की भी भूमिका है जिसे यह तकनीकी संस्थाओं को अनुदान देकर महिलाओं, विकलांगों और समाज के कमजोर वर्गों के लिए तकनीक शिक्षा का विकास, नवाचारी, संकाय, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने सम्बन्धी योजनाओं के माध्यम से कार्यान्वित करती है।

तकनीकी विषयों की उत्कृष्ट स्तर की मूल पुस्तकें तथा अनुदित पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से परिषद हिन्दी में तकनीकी विषयों पर लिखी गयी पाण्डुलिपियों के प्रकाशन हेतु वित्तीय सहायता देती है। इस योजना के अंतर्गत परिषद् के अधिकार क्षेत्र में आने वाले तकनीकी शिक्षा से सम्बन्धित विषय क्षेत्रों अर्थात् इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी, कम्प्यूटर विज्ञान, होटल प्रबंधन एवं खानपान प्रौद्योगिकी, वास्तुकला, नगर व ग्राम आयोजना प्रबंधन, अनुप्रयुक्त कला और भेषजी (फॉर्मेसी) तथा राष्ट्रीय कौशल अर्हता ढांचा (एनएसक्यूएफ) आदि पर पिछले 5 वर्षों में डिग्री, डिप्लोमा, पॉलीटेकनिक, आईटीआई, तकनीशियन स्तर का हिन्दी भाषा में प्रकाशित मौलिक और/अथवा अनुदित पाठ्यपुस्तकों पर पुरस्कार के लिए विचार किया जाता है।

संकलित आलेख पत्र से आप क्या समझते हैं?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य राजभाषा (हिन्दी) में उपयुक्त विषयों में उत्कृष्ट पाठ्यपुस्तक लेखन तथा हिन्दी में अनुवाद को बढ़ावा देना और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिकतम ज्ञान हिंदी में उपलब्ध कराने के लिए लेखकों और तकनीकी विषयों के अनुवादकों को प्रोत्साहित करना है।

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