अजातशत्रु की वैशाली विजय पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।

अजातशत्रु की वैशाली विजय – अजातशत्रु एक शासक था। अजातशत्रु ने सर्वप्रथम कोसल राज्य पर विजय प्राप्त की, तत्पश्चात् उसने वैशाली के लिच्छवि वंश पर विजय की योजना बनाई। अजातशत्रु द्वारा वैशाली के लिच्छवियों पर आक्रमण के प्रमुख कारण तीन थे। प्रथम, अजातशत्रु की माता लिच्छिवी गणराज्य के राजा चेतक की पुत्री थी, उसके दो पुत्र थे हल्ल व बेहल्ल। इन्हें बिम्बिसार ने उपहार स्वरूप एक पशुमूल्य हार व हाथी दिया था। अजातशत्रु ने अपने भाइयों से वे उपहार मांग लेकिन उन्होंने देने से इन्कार कर दिया। द्वितीय, दोनों राज्यों के मध्य संघर्ष का दूसरा कारण या हीरे की एक खान, जिस पर दोनों राज्य अपना दावा कर रहे थे। तीसरा, अजातशत्रु की साम्राज्यवादी नीति थी।

संगम युग के महाकाव्य शिलप्पादिकारम् का वर्णन कीजिए।

वैशाली का लिच्छवी गणराज्य एक शक्तिशाली गणराज्य था। अजातशत्रु के मन्त्री ने उसे सलाह दी की लिच्छवियों में फूट पैदा करके ही हमारी जीत सम्भव है। अजातशत्रु ने मन्त्री की बात मान लिच्छवियों में फूट डालने का एक षडयन्त्र रचा और अन्त में उन पर हमला करके उन्हें हराकर उनकी स्वतन्त्रता को नष्ट कर डाला। वैशाली को नष्ट करने में उसे सोलह साल का लम्बा अस लगा। अन्त में उसे इसलिए सफलता मिली कि उसने पत्थर फेंकने वाले एक युद्ध-पत्र ‘महाशिलाकंटका’ का इस्तेमाल किया। उसके पास एक ‘रयामूसल:’ नामक ऐसा रथ भी था, जिसमें गया जैसा हथियार जुड़ा हुआ था। उससे युद्ध में लोग का बड़ी संख्या में मारा जा सकता था। इस प्रकार काशी और वैशाली को मिला लेने के बाद मग के साम्राज्य का और अधिक विस्तार हुआ। लिच्छवियों को परास्त करने के बाद अजातशत्रु की शक्ति और अधिक बढ़ गई।

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