अध्यापक प्रशिक्षण के बारे में मुदालियर आयोग के सुझाव ।

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अध्यापक प्रशिक्षण-प्रशिक्षण संस्थाएँ दो प्रकार की होनी चाहिए।

  1. उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्राप्त व्यक्तियों के लिए इनके प्रशिक्षण की अवधि दो वर्ष की होनी चाहिए
  2. स्नातकों के लिए इनके प्रशिक्षण की अवधि पहले वर्ष हो बाद में दो वर्ष कर दी जानी चाहिए।
  3. प्रथम सरकार की संस्थाएँ एक बोर्ड के अधीन होनी चाहिए और स्नातकों की प्रशिक्षण संस्था विश्वविद्यालयों के अधीन होनी चाहिए।
  4. अध्यापकों का एक या एक से अधिक अतिरिक्त पाठ्यक्रम क्रियाओं में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
  5. प्रशिक्षण संस्थाओं के छात्रों से शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए।आयोग
  6. ट्रेनिंग कॉलेजों में शिक्षणशास्त्र के महत्वपूर्ण अंगों के सम्बन्ध में अनुसन्धान किया जाना चाहिए।
  7. एम० एड० कक्षाओं में उन्हीं व्यक्तियों को प्रवेश दिया जाना चाहिए जो प्रशिक्षित स्नातक हों और विद्यालय में कम-से-कम तीन वर्ष तक शिक्षण का कार्य कर चुके हो।
  8. अध्यापिकाओं के अभाव को दूर करने के लिए विशिष्ट अल्पकालीन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की योजना कार्यान्वित की जानी चाहिए।

क्लोज्ड सर्किट टेलीविजन (C.C.T.V.) पर संक्षिप्त लिखिए।

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