आयु पर आधारित विभेदीकरण का वर्णन कीजिए।

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आयु पर आधारित विभेदीकरण

आयु के आधार पर भी विभिन्न समाजों में विभेदीकरण का स्वरूप देखने को मिलता है। समाज में भिन्न-भिन्न आयु के भिन्न-भिन्न समूह बन जाते हैं। जिसके आधार पर उनके सामाजिक कार्य और पद निश्चित होते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि आयु के अनुसार ही मानव में परिपक्वता आती है। जैसे- किसी जटिल कार्य को एक बच्चा नहीं सीख पाता जबकि एक युवा जल्दी सीख लेता है। इसी प्रकार किशोर, युवा, प्रौढ़ आदि की भी स्थितियाँ प्रत्येक समाज में अलग-अलग होती है। जनजातियों में युवागृहों की स्थापना होती है जिनमें कि युवक एवं युवतियाँ को अनुशासन की शिक्षा दी जाती है। इसी प्रकार हिन्दू समाज व्यवस्था में आयु के आधार पर ही जीवन को चार भागों ब्रह्मचर्याश्रम, गृहस्थाश्रम, वानप्रस्थाश्रम और संन्यासाश्रम में विभाजित करने का आदेश दिया गया है।

संघर्ष का अर्थ और परिभाषा लिखिए।

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