आत्म अनुसूची सेवा
व्यक्ति में आत्मबोध की क्षमता का विकास करने की दृष्टि से आत्म अनुसूची सेवा का विशेष महत्व होता है। इस सेवा के आधार पर व्यक्ति को आन्तरिक विशेषताओं एवं वाह्य उपलब्धियों के सम्बन्ध में वस्तुनिष्ठ जानकारी प्रदान की जाती है। इस जानकारी को प्राप्त करके भावी योजनाओं का निर्माण करने अनुकूल अवसरों की दिशा में प्रयास करने तथा अपनी आन्तरिक शक्तियों की दिशा में सम्बद्ध प्रयास करने हेतु, महत्वपूर्ण सहायता प्राप्त होती है।
इस सेवा के आधार पर सेवार्थी को स्वयं में निहित योग्यताओं, क्षमताओं एवं भावी सम्भावनाओं की जानकारी प्राप्त होती है। इस प्रकार की जानकारी प्रदान करने के लिए व्यक्ति की पूर्व उपलब्धियों, सम्बन्धित आलेखों एवं पारिवारिक, सामाजिक, शैक्षिक परिवेश का प्रमुख महत्व होता है। इनके माध्यम से व्यक्ति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के परीक्षणों का प्रयोग भी, इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु किया जाता है।
इन समस्त माध्यमों से प्राप्त जानकारी का व्यक्ति की शैक्षिक, पारिवारिक एवं व्यावसायिक प्रगति में विशिष्ट योगदान रहता है। इस जानकारी के अभाव में, सतत्, संगत एवं सम्भावित प्रगति संभव नहीं है। आत्म अनुसूची सेवा से प्राप्त परिणामों का व्यक्ति जीवन की किसी विशिष्ट परिस्थिति से ही सम्बन्ध नहीं है वरन् यह परिणाम सतत् रूप से जीवन की विभिन्न परिस्थितियों के सन्दर्भ में निर्णय लेने हेतु सहायक सिद्ध होते हैं
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इस प्रकार आत्म- अनुसूची सेवा के उपरोक्त महत्व के आधार पर यह कहा जा सकता है कि ‘आत्म अन्वेषण’ स्वयं को पहिचानने’ अथवा “आत्मबोध’ की दृष्टि से आत्म अनुसूची सेवा एक ऐसी प्रक्रिया है, जो जीवन पर्यन्त निरन्तर चलती रहती है।