आत्म- अनुसूची सेवा के महत्त्व
आत्म- अनुसूची सेवा के महत्त्व – आत्म अनुसूची सेवा, सेवार्थी के लिए अनेक दृष्टियों से महत्त्वपूर्ण होती है। इस महत्व का उल्लेख निम्नलिखित पंक्तियों में किया गया है
- इस सेवा के माध्यम से सेवार्थी को उसी योग्यताओं एवं क्षमताओं के र अन्ध में न केवल बांछित सूचनाएँ प्रदान की जाती हैं, अपितु उसमें स्वाचिन्तन की क्षमता का विकास करने तथा यथार्थ धरातल पर आधारित आत्म-प्रत्यय को विकसित करने हेतु सहायता प्रदान की जाती है। इस प्रकार व्यक्ति को आत्म संवेदनशीलता अथवा स्वयं के सन्दर्भ के सूक्ष्म ग्राहाता की दृष्टि से इस सेवा का महत्त्वपूर्ण उपयोग किया जा सकता है।
- इस सेवा के द्वारा व्यक्ति को अपनी योग्यताओं एवं क्षमताओं का मूल्यांकन करने का अवसर प्राप्त होता है। अपने व्यक्तित्व से सम्बन्धित विभिन्न विशेषताओं, योग्यताओं एवं सीमाओं का ज्ञान प्राप्त करने सेवार्थी अपनी भावी व्यावसायिक योजनाओं, शैक्षिक आकांक्षाओं एवं पारिवारिक, सामाजिक कार्यक्रमों के सम्बन्ध में समुचित निर्णय ले सकता है। किस प्रकार का व्यवसाय, किस प्रकार का शैक्षिक पाठ्यक्रम अथवा किस प्रकार का वास्य वातावरण उसके विकास में सहायक हो सकता है? इस सम्बन्ध में निर्णय लेने हेतु आत्मअनुसूची सेवा व्यक्ति को अपनी सहायता प्रदान करती है।
- किसी भी क्षेत्र में निरन्तर विकास एवं प्रगति करने के लिए यह नितान्त आवश्यक होता है कि व्यक्ति को अपनी योग्यताओं एवं वाह्य अवसरों की वस्तुनिष्ठ जानकारी प्राप्त हो। इस दिशा में किसी भी प्रकार की प्रान्ति अविवेकपूर्ण निर्णय, व्यक्तिनिष्ठ मूल्यांकन, अति अच्च महत्वाकांक्षा आदि व्यक्ति के प्रगति पथ पर निरर्थक अवरोध के रूप में ही उत्पन्न हुआ करती है।