आंगिक कानून के प्रावधान – फ्रांस के संविधान में आगिक कानून का प्रावधान भी किया गया है। संविधान में अनेक ऐसे प्रावधान हैं जो रूपरेखा के रूप में पाए जाते हैं, और जिनमें विस्तृत व्यवस्था करने का कार्य संसद को सौंप दिया गया है। जिन कानूनों के द्वारा संविधान की व्यवस्थाओं की पूर्ति की जाती है उन्हें आंगिक कानून (Organic Laws) कहा जाता है। राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया, राष्ट्रीय सभा का कार्यकाल, संसद के दोनों सदनों की सदस्य संख्या, सांसदों का वेतन और उनकी भत्ते ऐसे कुछ विषय हैं जिनका निर्धारण संसद द्वारा पारित कानूनों के द्वारा किया जाता है। उसी प्रकार न्यायपालिका की उच्च (श्रेष्ठ) परिषद् (Superior Council of Judiciary) का संगठन, |
मार्क्स के राज्य सम्बन्धी विचार का वर्णन कीजिये।
उच्च न्यायालय की रचना तथा आर्थिक एवं सामाजिक परिषद की रचना भी संसद द्वारा पारित आंगिक कानूनों द्वारा निर्धारित होती है। स्पष्ट है कि फ्रांस के पंचम गणतंत्र का संविधान संक्षिप्त है। यह भारत के संविधान की भाँति विस्तृत नहीं है। इसमें कई प्रावधान केवल रूपरेखा (Outline) के रूप में पाए जाते हैं। विस्तृत व्यवस्था संसद करती है।
आंगिक कानूनों को संसद पारित करती है। इन कानूनों के पारित करने में यदि दोनों सदनों में मतभेद हो तो संयुक्त समिति का प्रयोग किया जाता है। यह महत्त्वपूर्ण प्रावधान है कि आंगिक कानूनों को राष्ट्रपति द्वारा घोषणा तब तक नहीं हो सकती जब तक संवैधानिक परिषद् उनकी संवैधानिकता को प्रमाणित न कर दे।