आदित्य सेन कौन था?- आदित्य सेन परवर्ती गुप्त शासक माधवसेन गुप्त का पुत्र था। आदित्यसेन लगभग 650 ई. में माधवसेन गुप्त के पश्चात इस वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक बना। इस शासक के अनेक अभिलेख मिले हैं जिनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण अफसर अभिलेख है। आरम्भ में उसकी स्थिति बहुत सुद्द नहीं थी, क्योंकि अफसर अभिलेख में उसे मात्र क्षितिशचुडामणि और लोकपाल कहा गया है, परन्तु बाद के मदागिरि अभिलेख में उसे परमभट्टारक और महाराजाधिराज कहा गया है।
उसने मगध के इर्द-गिर्द के क्षेत्रों पर अपनी सत्ता सुदृढ़ कर ली। उसके राज्य के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश, बिहार तथा मध्य और उत्तरी बंगाल के इलाके थे। उसने नेपाल से वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित कर अपनी स्थिति सुदृढ़ कर ली। राज्य विस्तार के अतिरिक्त आदित्यसेन ने वैदिक धर्म को प्रश्रय दिया तथा जनकल्याण के लिए कार्य किए। अफसद में उसी ने वैष्णव मन्दिर का निर्माण कराया।
पृथ्वीराज तृतीय (चामान) की विजय पर प्रकाश डालिए।
देवघर के वैद्यनाथ मन्दिर में उसकी रानी कोणदेवी के अभिलेख से पता लगता है कि उसने मंदार और देवघर में पुष्पकर्णी का निर्माण कराया तथा तीन अश्वमेध यज्ञ किए। निःसन्देह इस काल में आदित्यसेन उत्तरी भारत का सर्वाधिक शक्तिशाली शासक प्रतीत होता है।
- Top 10 Best Web Hosting Companies in India 2023
- InCar (2023) Hindi Movie Download Free 480p, 720p, 1080p, 4K
- Selfie Full Movie Free Download 480p, 720p, 1080p, 4K
- Bhediya Movie Download FilmyZilla 720p, 480p Watch Free