शैक्षिक अवसरों की समानता की आवश्यकता बताइये

शैक्षिक अवसरों की समानता

आज पूरा संसार मानवाधिकार के प्रति सचेत है। संसार के सभी देशों में शिक्षा को मानव का मूल अधिकार माना है। तब किसी भी देश में सभी को शिक्षा प्राप्त करने की समान सुविधाएँ होनी चाहिए। लोकतन्त्रीय देशों में तो यह और भी अधिक आवश्यक है, बिना इसके लोकतन्त्र अर्थहीन है। हमारे लोकतन्त्रीय देश में तो इसकी और अधिक आवश्यकता है, कारण स्पष्ट हैं।

राजपूतों की उत्पत्ति के विषय में आप क्या जानते हैं?

  1. लोकतन्त्र की रक्षा के लिए – लोकतन्त्र की सफलता उसके नागरिकों पर निर्भर करती है, उसके नागरिकों की योग्यता और क्षमता पर निर्भर करती है, और नागरिकों की योग्यता एवं क्षमता निर्भर करती है शिक्षा पर। अतः देश के प्रत्येक नागरिक को शिक्षित करना आवश्यक है। और इस क्षेत्र में हमारे देश की स्थिति बड़ी चुनौतीपूर्ण है।
  2. व्यक्यिों के वैयक्तिक विकास के लिए- लोकतन्त्र व्यक्ति के व्यक्तित्व का आदर करता है और प्रत्येक व्यक्ति को अपने विकास के स्वतन्त्र अवसर प्रदान करता है। और हमारे देश की स्थिति यह है कि इसकी आधे से अधिक जनसंख्या पिछड़ी है, निर्धन है, अच्छी शिक्षा से वंचित है। यदि हम सचमुच अपने देश के प्रत्येक व्यक्ति को अपने विकास के अवसर प्रदान करना चाहते हैं तो पहली आवश्यकता यह है कि सभी को शिक्षा प्राप्त करने के समान अवसर एवं सुविधाएँ प्रदान करें।
  3. वर्ग भेद की समाप्ति के लिए – स्वतन्त्रता प्राप्ति से पहले हमारे देश में शिक्षा उच्च वर्ग तक सीमित थी, परिणाम यह हुआ कि इस देश में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उच्च वर्ग का अधिकार बढ़ता गया और निम्न वर्ग के व्यक्ति और पिछड़ते गए और वर्ग मेद बढ़ता गया। लोकतन्त्र इस प्रकार के सामाजिक और आर्थिक वर्ग भेद का विरोधी है। इस वर्ग भेद की समाप्ति के लिए सभी वर्गों के बच्चों एवं युवकों को शिक्षा प्राप्त करने के समान अवसर एवं सुवधाएं प्राप्त कराना है। आवश्यक है। हमारे संविधान के अनुच्छेद 29 में स्पष्ट रूप से घोषणा की गई है कि राज्य द्वारा पोषित अथवा आर्थिक सहायता प्राप्त किसी भी शिक्षा संस्था में किसी भी नागरिक को धर्म, मूल, एक वंश अथवा जाति के आधार पर प्रवेश से वंचित नहीं किया जाएगा।
  4. समाज के उन्नयन के लिए – लोकतन्त्र सामाजिक वर्गभेद का विरोधी है, वह पूरे राष्ट्र को एक समाज मानता है और उसे सभ्य एवं सुसंस्कृत समाज के रूप में विकसित करने में विश्वास करता लए है और यह तब तक सम्भव नहीं है जब तक देश के प्रत्येक नागरिक को शिक्षित नहीं किया जाता। इसके न्तो लिए हमारे देश में शैक्षिक अवसरों की समानता की बहुत आवश्यकता है।

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