शिक्षा गारण्टी योजना (EGS) के कार्यान्वयन के संस्थागत संरचना की विवेचना कीजिए।

शिक्षा गारण्टी योजना (EGS) के कार्यान्वयन के लिए संस्थागत संरचना

EGS के कार्यान्वयन के लिए सबसे प्रभावी संस्थागत व्यवस्था पंचायत प्रणाली (Panchayat) System) ही हो सकती है, क्योंकि यह वैधानिक अधिकार (Stutatory Rights) और प्रचलित सहभागिता (Popular Participation) का योग है।

भारतीय संविधान के 73वें संशोधन के फलस्वरूप पंचायती राज भारतीय जनतन्त्र को अधिक व्यापक और सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। वर्तमान समय में पंचायती राज ने स्थानीय शिक्षा के लिए ‘सामुदायिक माँग’ और मिल-जुलकर कार्य करने की प्रक्रिया को

अधिक स्पष्ट रूप में प्रकट किया है। राज्य को यह अवसर मिला है कि वह सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा (UPE) के संवैधानिक निर्देशों की पूर्ति के लिए पंचायत नेतृत्व (Panchayat Leadership) के साथ मिलकर लक्ष्य प्राप्ति का दायित्व उठा सके।

‘पंचायती राज’ के प्रत्येक चयनित सदस्य का यह सार्वजनिक संकलप हो सकता है कि.. “मैं अपने गाँव के प्रत्येक बच्चे को स्कूल भेजूंगा।” सकारात्मक वातावरण को बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि राज्य ‘पंचायत’ जैसी संस्था का सहयोग करे। यदि आवश्यक हो तो राज्य को अपने कुछ अधिकारों को विकेन्द्रित कर ‘पंचायतों’ को सौंप देना चाहिए।

जिला स्तर पर एक EGS समिति होती है जिसके सभापति (Chair Person) जिला पंचायत अध्यक्ष होते हैं तथा जिलाधीश (Collector) और शिक्षा विभाग के बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रतिनिधि होते हैं। दूसरे सदस्यों का चयन स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार कर दिया जाता है।

ग्राम पंचायत को यह अधिकार प्राप्त है कि वह सामुदायिक माँगों को प्राप्त (Receive) करे! अभिभावक समूह द्वारा ही सामुदायिक माँग प्रस्तुत की जाती है। ग्राम पंचायत सामुदायिक मांगों को ‘जिला EGS समिति’ (District EGS Committee) को सौंपता है साथ ही शिक्षा कर्मियों के नाम की सूची भी सौंपता है। EGS समिति शिक्षकों की नियुक्ति करती है, ग्राम पंचायत को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराती है, शिक्षा कर्मियों के वार्षिक वेतन तथा अन्य खर्चों की पूर्ति करती है।

‘शिक्षा विभाग’ शिक्षण अधिगम सामगी (Teaching Learning Materials) देता है। और शेष सामग्री ग्राम पंचायत स्वयं खरीद लेती है। शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्था EGS करती है। ग्राम पंचायत EGS कार्यक्रम की प्रगति के विषय में समय-समय पर जिला EGS समिति को सूचित करती रहती है।

राज्य सरकार ‘जिला EGS समिति’ को आवश्यक संसाधन प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। यह कार्य आवश्यकताओं के प्रारम्भिक मूल्यांकन और उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर किया जाता है। EGS के खाते (Account) को जिलाधीश ही क्रियान्वित (Operate) करता है। व्यवस्था के और अधिक विकेन्द्रित स्तर (More Decentralised Level) पर ग्राम

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पंचायत को स्वयं ही पहल (Intiate) करने का अधिकार है। ग्राम पंचायत समुदाय को संगठित कर EGS समिति के साथ आवश्यक सम्बन्धी ‘प्रस्तावों’ को सरकार के सम्मुख प्रस्तुत कर सकती है। इस प्रकार ग्राम पंचायत की दोहरी भूमिका है एक तो सामुदायिक माँग को उत्प्रेरित करना तथा दूसरी ओर माँग को पूरा करने के लिए संसाधन ढूँढना। यदि सरकार समय पर संसाधन उपलब्ध नहीं करा पाती तो EGS समिति को अपने स्तर पर प्रबन्ध करने का अधिकार है।

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