शिक्षा के उद्देश्यों – शिक्षा प्रारम्भ होने से पूर्व उसके उद्देश्यों का ज्ञान आवश्यक होता है। यदि उद्देश्यों की आवश्यकता का ज्ञान नहीं होता है तो विद्यार्थी उस पतवारहीन नौका के समान है जो समुद्र की तनों के थपेड़े खाती हुई तट की ओर बढ़ रही हो और शिक्षक उस नाविक के समान जिसे अपनी मंजिल का ही पता नहीं हो। शिक्षक और शिक्षार्थी तथा शेष समाज को शिक्षा के लिए निर्धारित उद्देश्यों की आवश्यकता का ज्ञान होना जरूरी है। उद्देश्य का स्पष्ट ज्ञान होने से वहाँ तक पहुंचने की लालसा, प्रेरणा एवं शान्ति जागृत होती है और अन्ततः उन उद्देश्यों को प्राप्त करके शिक्षा को समर्थ्य बनाया जा सकता है। शिक्षा के लिए उद्देश्यों की आवश्यकता को हम
विद्याधर चन्देल की उपलब्धियों की विवेचना कीजिए।
निम्न शीर्षकों के अन्तर्गत दर्शा सकते हैं
- लक्ष्य की प्राप्ति हेतु ।
- सही दिशा में बढ़ने हेतु
- सतत् प्रयत्नशील रहने हेतु।
- प्रेरित करने हेतु।