शिक्षा का सामाजिक जीवन में क्या कार्य है?

सामाजिक जीवन में शिक्षा के कार्य-

शिक्षा सामाजिक जीवन में अपने कार्यों का निर्वाह करती है। चूँकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। अतः समाज के साथ निर्वाह करने के लिए उसे अनेक तरह के कार्यों को कहना पड़ता है

  1. समाज के साथ अनुकूलन।
  2. सामाजिक कुशलता की उन्नति एवं सुधार।
  3. सामाजिक कर्तव्यों की पूर्ति ।
  4. संस्कृति और सभ्यता का विकास।
  5. व्यक्तिगत हित को सामाजिक हित से दूर करना।
  6. सामाजिक भावना की जागृति ।
  7. सामाजिक गुणों का विकास।

विद्यालय के द्वारा बाल विकास के विभिन्न कार्यक्रम बताइए।

प्रत्येक व्यक्ति समाज में ही जन्म लेता है, समाज में ही पल्लवित होकर जीवन व्यतीत करता है और समाज में ही उसकी जीवन लीला समाप्त हो जाती है। ऐसी स्थिति में शिक्षा का महत्वपूर्ण कर्तव्य हो जाता है कि वह बालकों में सामाजिक भावना जागृत करे। उनमें दया, परोपकार, सहनशीलता, सौहार्द, सहानुभूति, अनुशासन इत्यादि सामाजिक गुणों का विकास कर

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