राजनीतिक क्षेत्र में लैंगिक विषमता पर टिप्पणी लिखिये।

राजनीतिक क्षेत्र में लैंगिक विषमता स्त्रियों की राजनीतिक स्थिति इस बात से जानी जा सकती है कि सत्ता के स्वरूप निर्धारण और उसमें भाग लेने के मामले में उन्हें कितनी समानता और आजादी प्राप्त है और इस सन्दर्भ में उनके योगदान को समाज कितना महत्त्व देता है। अतः स्पष्ट है कि पुरुषों एवं स्त्रियों की विभिन्न क्षमताओं योग्यताओं, कार्यों तथा व्यवहार सम्बन्धों में एक विशिष्ट अन्तर है और यह अन्तर ही उनमें पारस्परिक सहयोग बनकर समाज में संगठन का कारण बना और जब- जब समय न एवं परिस्थितियों से प्रभावित होकर इन विषमताओं ने विरोध एवं संघर्ष का रूप धारण किया तब-तब मानव समाज का विघटन हुआ और मानवीय संस्कृति का ह्रास हुआ। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि मानवीय सभ्यता एवं संस्कृति के विकास के मूल में स्त्री एवं पुरुषों की यह लैंगिक विषमता ही है, जो विभिन्न युगों के समय एवं कालजन्य परिस्थिति में निरन्तर प्रभावित होती आई है और यह आज भी आधुनिक रूप में वर्तमान समाज में विद्यमान है।

निर्देशीय परामर्श और अनिर्देशीय परामर्श की प्रमुख विशेषताएं दीजिए।

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