माध्यमिक शिक्षा आयोग के पाठ्यक्रम सम्बन्धी सुझाव-माध्यमिक शिक्षा आयोग पाठ्यक्रम पर विस्तारपूर्वक विचार व्यक्त करते हुए माध्यमिक शिक्षा आयोग ने निम्नलिखित सुझाव दिये
- पाठ्यक्रम को छात्रों की विभिन्न योग्यताओं व क्षमताओं के विकास में सहायक होना चाहिए।
- पाठ्यक्रम में विविधता व लचीलापन होना चाहिए जिससे उसे विद्यार्थियों की आवश्यकताओं अभिरुचियों के अनुरूप बनाया जा सके।
- पाठ्यक्रम का सामुदायिक जीवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होना चाहिए।
- पाठ्यक्रम ऐसा हो कि छात्रों को न केवल कार्य करने, अपितु अपने अवकाश का सदुपयोग करने की भी सुविधा मिले
- पाठ्यक्रम के सभी विषयों में परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध होना चाहिए।
उक्त सिद्धान्तों के आधार पर आयोग ने माध्यमिक विद्यालयों के पाठ्यक्रम के लिए निम्नलिखित विषय निर्धारित किये-
(क) मिडिल या जूनियर हाई स्कूल-
- भाषा
- समाज विज्ञान,
- सामान्य विज्ञान,
- गणित,
- कला और संगीत,
- हस्तशिल्प तथा
- शारीरिक शिक्षण
(ख) हायर सेकेण्डरी स्कूल
इसके पाठ्यक्रम में विविधता को आवश्यक मानते हुए निम्नलिखित 7 समूहों का उल्लेख किया गया-
- सामाजिक विषय,
- विज्ञान,
- टेक्निकल विषय,
- वाणिज्य विषय,
- कृषि
- ललित कला और
- गृह विज्ञान
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का लक्ष्य क्या है?
इसमें से छात्र किसी भी समूह के तीन विषय ले सकते हैं, पर सभी समूह के विद्यार्थियों को भाषा, सामान्य विज्ञान व समाज विज्ञान या शिल्प का अध्ययन अनिवार्यतः करना होगा।