प्रोब सर्वेक्षण क्या है ? सबके लिए प्रारम्भिक शिक्षा का महत्व क्यों है ?वर्णन कीजिए।

प्रोव सर्वेक्षण प्रारम्भिक शिक्षा की सार्वजनिक रिपोर्ट

प्रोच सर्वेक्षण सितम्बर से दिसम्बर 1996 की अवधि में पूरा किया गया था। इस सर्वेक्षण में बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश के 234 ग्रामों में उपलब्ध समस्त स्कूली शिक्षा सुविधाओं तथा 1376 परिवारों को सम्मिलित किया गया था। प्रोब की रिपोर्ट में ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए व्यापक फील्ड सर्वेक्षण को आधार बनाया। गया था। माता-पिता छात्र और अध्यापक स्कूली शिक्षा प्रणाली के बारे में क्या अनुभव करते हैं, उसी की प्रामाणिक झांकी इस फील्ड सर्वे में दिखायी गयी थी, इसीलिए इस रिपोर्ट को जनता की रिपोर्ट कहा गया। यह रिपोर्ट बंचितों, विशेष रूप से स्कूली शिक्षा से बाहर रखे गए उन लाखों-करोड़ो बच्चों और उनके माँ-बाप की दृष्टि से तैयार की गयी थी। यह रिपोर्ट उस आमुख पर आधारित थी, जिसके अनुसार ‘प्रारम्भिक शिक्षा’ हर बालक का मूलभूत अधिकार है। इस अधिकार को सुनिश्चित करना ‘कल्याण’ (Welfare) या विकास (Development) का ही नहीं बल्कि एक मूलभूत सामाजिक न्याय (Fundamental Social Justice) का मुद्दा है। इस अधिकार को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी पूरे समाज की है. इससे किसी को छूट नहीं मिल सकती।

इस रिपोर्ट में स्कूली शिक्षा प्रणाली की वर्तमान स्थिति की सन्तुलित समीक्षा प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया था, जिससे अनेक महत्वपूर्ण तथ्य उभर कर सामने आए थे। यद्यपि यह सर्वांग सम्पूर्ण रिपोर्ट नहीं कही जा सकती, तयापि यह ‘सबके लिए शिक्षा’ (EFA) की प्राप्ति की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी गयी है। (इस रिपोर्ट को विस्तृत ढंग से प्रस्तुत करना सम्भव नहीं है। फिर भी पाठकों की दृष्टि से कुछ तथ्यों को प्रस्तुत किया जा रहा है ।

सबके लिए प्रारम्भिक शिक्षा का महत्व क्यों है ?

1. मौलिक अधिकार (Funamental Right)- सबके लिए प्रारम्भिक शिक्षा एक संवैधानिक निर्देश है। 83वें संविधान संशोधन में प्रारम्भिक अधिकार की सुस्पष्ट स्वीकृति निहित है।

2. जनता की मांग (Community Demand )- प्रायः यही समझा जाता है कि गरीब माँ बाप शिक्षा में रुचि नहीं रखते। लेकिन इसके विपरीत सर्वेक्षण से संकेत मिलते हैं कि शिक्षा की बहुत व्यापक है और तेजी से बढ़ती जा रही है। ‘सबके लिए प्रारम्भिक शिक कार्यक्रम को समर्थन न देना जनता की इच्छाओं का अपमान है।

3. मानव पूंजी (Human Capital)- शिक्षा आर्थिक लाभ के लिए महत्वपूर्ण है गरीब माँ-बाप भी इस बात को समझ चुके हैं, जिनके सामने आर्थिक उन्नति के लिए बच्चों को शिक्षा दिलाने के अतिरिक्त कोई नहीं है। शिक्षा को बेहतर रोजगार और अधि आमदनी की दृष्टि से अधिक महत्व देते हैं।

4.सीखने का आनन्द (Pleasure in Learning)- जो बच्चे सद्भावनापूर्ण वातावरण में पढ़ते हैं उन्हें स्कूल जाना अच्छा लगता है यहाँ दोस्त बनते हैं, ये खेलते और पड़ते हैं। बच्प्रा यः यही मानते हैं कि शिक्षा के दौरान उन्हें आनन्द मिलता है। वंचित बच्चों में यह अधिक पाया गया है।

5. व्यक्तिगत शुशहाली (Individual Happiness)- शिक्षा और खुशहाली का सम्बन्ध आर्थिक लाभों और पढ़ने से मिलने वाले आनन्द से कहीं अधिक है। अशिक्षित लोगों का सामाजिक स्तर नीचा हो सकता है और स्वाभिमान में भी कमी आती है। शिक्षा बच्चों को स्वस्थ रखने व बीमारी से बचाने में मदद करती है। यदि बच्चे न पढ़े तो उन्हें बाल श्रमिक बनना पड़ता है और अधिक प्रताड़ना तथा वंचना झेलनी पड़ती है।

6.सामाजिक प्रगति (Social Enhancement )- जब वंचित समुदाय का कोई युवक या युवती अच्छी शिक्षा पाते हैं तो उसकी योगयता का लाभ पूरे समुदाय को मिलता है। व्यापक शिक्षा उन सामाजिक समस्याओं के समाधान में मद्द करती है जिनके लिए खुली बातचीत और सामाजिक सक्रियता तथा सहभागिता की आवश्यकता होती है। संक्रामक रोगों, जनसंख्या वृद्धि, पर्यावरण प्रदूषण जैसी अनेक समस्याओं का समाधान, जनतान्त्रिक तरीके से जनता के बीच विचारों के व्यापक आदान-प्रदान द्वारा हो सकता

7. राजनीतिक भागीदारी (Political Participation)- जब तक जनता का एक है। बड़ा वर्ग राजनीतिक प्रक्रिया के दायरे से बाहर रहता है, तब तक सच्चा प्रजातन्त्र एक भ्रम ही रहता है। इस अलगाव का एक आम कारण आर्थिक असुरक्षा, संगठन का अभाव तथा व्यापक अशिक्षा ही है। साक्षरता और शिक्षा प्रभावशाली राजनीतिक भागीदारी के लिए महत्वपूर्ण है।

समाज सदैव परिवर्तनशील एवं जटिल व्यवस्था है। स्पष्ट कीजिए।

8. सामाजिक न्याय (Social Justice)- सबके लिए प्रारम्भिक शिक्षा के सामाजिक न्याय की आवश्यकता है। भारत में शैक्षिक विषमताओं का प्रयोग वर्ग, जाति और लैंगिक भेद पर आधारित असमानताओं का मजबूत बनाने में किया जाता है। आधुनिक समाज में अशिक्षित होने के कारण शक्तिहीनता की बात ‘प्रोच सर्वेक्षण’ में बहुत स्पष्ट रूप में उभर कर आयी है। उदाहरण के लिए भारत में महिलाओं का

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