प्राथमिक समूह का अर्थ
प्राथमिक समूह की अवधारणा का तात्पर्य ऐसे समूहों से है जिनके सदस्यों के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध तथा सहयोग की भावना होती है। सर्वप्रथम कूलें ने अपनी पुस्तक Social Organization में प्राथमिक समूह का उल्लेख किया है। उनके अनुसार, “प्राथमिक समूहों से हमारा तात्पर्य उन समूहों से हैं, जिनमें सदस्यों के बीच आमने-सामने के घनिष्ठ सम्बन्ध एवं पारस्परिक सहयोग को विशेषता होती है। ऐसे समूह अनेक अर्थों में प्राथमिक होते हैं लेकिन विशेष रूप से इस अर्थ में कि ये व्यक्ति के सामाजिक स्वभाव और विचार के निर्माण में बुनियादी योगदान देते हैं।”
शिक्षा गारण्टी योजना के शैक्षिक पैकेज का वर्णन कीजिए।
विशेषताएँ-
प्राथमिक समूहों की विशेषताएँ अथवा लक्षण निम्नलिखित हैं
- इनका छोटा आकार होता है।
- इनमें समान उद्देश्य पाये जाते हैं।
- शारीरिक समीपता होती है।
- प्राथमिक नियंत्रण होता है।
- सम्बन्धों में पूर्णता पायी जाती है।
- समूहों में स्थायित्व होता है।
- इनमें वैयक्तिक सम्बन्ध पाया जाता है तथा
- इनका क्रमिक विकास होता है।