प्रथम शिक्षण उपक्रम के विभिन्न कार्यक्रमों की विवेचना कीजिए।

प्रथम शिक्षण उपक्रम (Pratham Education Initiative)-

प्रथम शिक्षण उपक्रम का प्रारम्भ सन् 1993 में मुम्बई में हुआ, जिसका उद्देश्य था, प्रत्येक बच्चे को स्कूल तक पहुँचाना और यह सुनिश्चित करना कि वह अच्छी तरह पढ़ रहा है या नहीं। पिछले दस वर्षों में ‘प्रथम’ के कार्यक्रमों का देश के विभिन्न शहरों व ग्रामीणों क्षेत्रों में विस्तार हो चुका है। अक्टूबर, 2003 तक ‘प्रथम’ ।। राज्यों के 34 शहरों तथा 9 ग्रामीण जिलों में पहुँच चुका है। ‘प्रथम’ प्रसार बड़ी हुन गति से हो रहा है।

सन् 2002-2003 में अपने व्यस्ततम समय में ‘प्रथम’ के प्रत्यक्ष नियमित चलने वाले कार्यक्रमों में 2,20,000 बच्चों की उपस्थिति दर्ज की गयी। ‘प्रथम’ की प्रत्येक पहलकदमी का विकास ‘स्थानीय आवश्यकताओं (Local needs) के सन्दर्भ में हुआ है। वास्तविक रूप में ‘प्रथम’ के सभी कार्यक्रमों के कुछ मूलभूत सिद्धान्त हैं जिनका प्रयोग स्थानीय विभिन्नताओं और आवश्यकताओं की दृष्टि से संयुक्त रूप में किया जाता है। प्रथम के विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम है जो निम्न प्रकार हैं

डायरेक्ट डिलीवरी प्रोग्राम(Direct Delivery Programmes)

  1. विद्यालय पूर्व कार्यक्रम (Pre-school Programmes) ये बालवाड़ी हैं जो 3-5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करते हैं।
  2. स्कूल के बाहर के कार्यक्रम (Out of School Programme)- ये ब्रिज कक्षाएं हैं, जो उन बच्चों के लिए हैं, जो कभी स्कूल नहीं गये या जिन्होंने प्रवेश छोड़ दिया है। ये ऐसे बच्चों को औपचारिक स्कूलों में प्रवेश के लिए तैयार करते है।
  3. उपचारात्मक शिक्षा कार्यक्रम (Remedial Education Programme)- इनके लक्ष्य समूह नगर महापालिका के कमजोर बच्चे हैं, जिन्हें बुनियादी साक्षरता और गणितीय कुशलता प्राप्त करने में मदद की जाती है।
  4. आउट रीच प्रोग्राम (Out reach Programme)- यह कार्यक्रम बाल श्रमिकों की व्यावहारिक व वातावरण सम्बन्धी समस्याओं को सुलझाने के साथ-साथ अनेकों शैक्षिक अवसर भी प्रदान करता है।
  5. रीडिंग कैम्प (Reading Camps)- गर्मियों में अल्पावधि के लिए बच्चे को पढ़ना ‘सिखाने के लिए ‘शिविर लगाए जाते हैं। इन शिविरों में ‘त्वरित अधिगम तकनीकी’ (Accelerated learning technique) के द्वारा ‘पढ़ने की कुशलता’ का विकास किया जाता है।

12वीं पंचवर्षीय योजना के उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए।

अन्य कार्यक्रम(Other Major Programme)

  1. स्थानीय समुदाय की स्वयं सेवी शिक्षिकाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर तथा पुनश्चर्या कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
  2. विभिन्न कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग, कार्यक्रमों के वरिष्ठ व्यक्ति (Programme Heads) तथा Area Incharge के द्वारा होती है। ये व्यक्ति भी समुदाय के होते हैं जो कार्यक्रमों का निरीक्षण व पर्यवेक्षण करते हैं।
  3. ‘प्रथम’ (दिल्ली) ने सम्बन्धित सूचनाओं को एकत्रित करने के लिए एक ‘सर्वेक्षण ‘टूल’ का विकास किया है।
  4. राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय प्रामाणिकता (National Open School Certification)- ‘प्रथम’ को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय से सम्बन्धित कर दिया गया है जहाँ ‘प्रथम शिक्षा केन्द्र’ (Programme Education Centre) के बच्चे विभिन्न स्तरों की परीक्षा देकर ‘प्रमाण पत्र’ प्राप्त कर रहे हैं।
  5. मूल्यांकन (Assessment and Evaluation) पूरे प्रथम के नेटवर्क में कार्यक्रमों के बुनियादी प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए एक सामान्य मानदण्डों और प्रक्रिया का प्रयोग होता है। मूल्यांकन की वैधता की जाँच विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए तथा समाज के प्रभावशाली लोगों से करायी जाती है।
  6. पुस्तकालय (Liberary)- सतत शिक्षा के अन्तर्गत दो प्रकार के पुस्तकालयों की स्थापना की गयी है-समुदाय आधारित तथा स्कूल आधारित। बच्चों के लिए पत्रिकाओं और पुस्तकों का प्रकाशन भी किया जाता है।
  7. प्रथम पुस्तकें (Pratham Books)- अभावग्रस्त तथा वंचित बच्चों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सस्ती पुस्तकों का प्रकाशन किया जा रहा है जो पूरे देश में नए व नन्हें जागरूक पाठक तैयार कर रहे हैं। पढ़ने की दृष्टि से ये पुस्तकें आकर्षक हैं।
  8. ‘प्रथम’ न्यूजलेटर (News letters) भी प्रकाशित करता है, जो समाज के अन्य लोगों को ‘प्रथम’ के चलने वाले कार्यक्रमों से परिचित कराता है। प्रथम शिक्षकों को उत्प्रेरित व प्रोत्साहित करने के लिए, न्यूज लेटर में स्टार्स ऑफ प्रथम ( Stars of Pratham) स्तम्भ भी रखा गया है।

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