आधुनिकीकरण,आधुनिकीकरण की परिभाषा तथा इसकी विशेषताएँ।Modernization

आधुनिकीकरण Modernization की प्रक्रिया पर प्रायः सभी सामाजिक विज्ञानों में विचार किया गया है। यदि हम केवल समाजशास्त्र के ही क्षेत्र में देखें तो पायेंगे कि समाजशास्त्रियों एवं मानवशास्त्रियों ने विशेष रूप से ‘विभेदीकरण’ (Differentiation) की प्रक्रिया पर ही विचार किया है, क्योंकि आधुनिक समाजों की यह एक प्रमुख विशेषता हैं उन्होंने उन तरीकों का पता लगाने का प्रयास किया है जिनके द्वारा नयी-नयी संरचनायें उत्पन्न होकर नवीन महत्वों को प्राप्त करती हैं। हम यह भी कह सकते हैं कि इन सामाजिक वैज्ञानिकों ने उन विभदों के अध्ययन पर अधिक बल दिया है जो किसी भी सामाजिक संरचना में नवीन व्यवसायों के बनने से उत्पन्न होते हैं। समाजशास्त्रियों ने आधुनिकीकरण Modernization के नकारात्मक पहलुओं पर भी विचार किया, जैसे तनवों का उत्पन्न होना, मानसिक रोगों का बढ़ना, हिंसा, तलाक, बाल अपराधों का बढ़ना तथा प्रजातीय, धार्मिक एवं संघर्ष का तीव्र होना।

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आधुनिकीकरण की परिभाषा|

आधुनिकीकरण की परिभाषा निम्नलिखित विद्वानों द्वारा इस प्रकार है

आधुनिकीकरण सदैव एक क्रान्तिकारी प्रक्रिया है जिससे वर्तमान संस्थानिक संरचना बेकार हो जाती है। इसकी सफलता समाज की आन्तरिक रूपान्तरण की क्षमता पर निर्भर करती है।

श्री एन. प्रसाद

आधुनिकीकरण रूपान्तरण से सम्बन्धित हैं। इसके अन्तर्गत उन सभी पहलुओं जैसे राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, बौद्धिक, धार्मिक तथा मनोवैज्ञानिक आदि का रूपान्तरण किया जाता है जिसे व्यक्ति अपने समाज के निर्माण में प्रयोग करता है।

हालपर्न

आधुनिकीकरण एक नये प्रकार के मानसिक दृष्टिकोण की उपज हैं जिसमें मशीनों एवं प्रविधियों के उपयोग के लिए एक नई पृष्ठभूमि का निर्माण होता है। सामाजिक सम्बन्धों का एक नया प्रारूप बनता है।

पाई-

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आधुनिकीकरण की विशेषताएँ।

शिक्षा (Education )-

शिक्षा आधुनिकीकरण Modernization का एक अत्यधिक सशक्त साधन हैं जिन समाजों में शैक्षिक वातावरण उच्च स्तर का होता है उनमें तीव्रता से सामाजिक परिवर्तन होता है। शिक्षा द्वारा ही आर्थिक विकास हेतु मार्ग खोजे जाते हैं। उच्च सामाजिक आकांक्षाओं का निर्धारण किया जाता है तथा ज्ञान भण्डार बढ़ता है। नैतिक मूल्यों की गत्यात्मक व्यवस्था का सृजन होता है। जैसे कि हम जानते हैं कि आधुनिकीकरण की प्रक्रिया के लिये सामाजिक परिवर्तन आवश्यक है ओर वह समुचित शिक्षा व्यवस्था द्वारा ही सम्भव है।

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प्रेरणा एवं उच्च आकांक्षाएँ

जो समाज कुछ नयापन देखना चाहते हैं उनमें उच्च स्तर की प्रेरणा तथा उच्च स्तर की आकांक्षायें पाई जाती हैं। इनके आधार पर ही उसमें रचनात्मक या सृजनात्मक कार्य करने की प्रेरणा तथा आकांक्षा का प्रादुर्भाव होता है। कुछ समाज ऐसे भी होते हैं जो अपने वर्तमान से (शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक तथा नैतिक उपलब्धि से) सन्तुष्ट रहते हैं। उनमें प्रेरणा तथा आकांक्षा शक्ति नहीं होती और वे पिछड़ जाते हैं। इसके विपरीत उच्च आकांक्षा स्तर तथा प्रेरणा शक्ति उसे आधुनिक बनाकर प्रगति के रास्ते पर अग्रसर करती है।

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उच्च ज्ञान हेतु जिज्ञासा प्रवृत्ति

जिन समाजों में विश्व में हो रहे परिवर्तनों तथा विकास कार्यों को जानने का भाव नहीं होता और जहाँ ज्ञान के साधन या अवसर नहीं मिलते वहाँ पर आधुनिकीकरण Modernization की प्रक्रिया आधुनिक विचारों से तीव्र नहीं हो पाती और वह समाज आधुनिक विचारधाराओं को ग्रहण नहीं कर पाता। उच्च ज्ञान भण्डार द्वारा ही समाज अपने उत्पादन कृषि, सुरक्षा तथा यातायात के आधुनिकतम साधनों को अपनाता है।

आधुनिकीकरण की प्रकृति के सम्बन्ध में लर्नर के विचार।

लर्नर के अनुसार, “आधुनिकीकरण Modernization से जिस परिवर्तन का बोध करते हैं, उसका मुख्य रूप से विचारों एवं मनोवृत्तियों के संचारण तरीकों, नगरीकरण में वृद्धि, साक्षरता का बढ़ना, प्रति व्यक्ति आय का अधिक होना तथा अधिक विस्तृत राजनयिक सहभागिता में परिवर्तन से होता है। इसके अतिरिक्त एक आधुनिक या गतिशील समाज की विवेकशीलता को प्रोत्साहित करना होता है, क्योंकि चुनावों का विवेक शक्ति के व्यवहारों को दिशा प्रदान करता है। तथा उसके पुरस्कारों को नियन्त्रित करता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति यह समझने लगते हैं कि उनका भविष्य भाग्यवादिता पर न टिका होकर उनके विवेक का परिणाम होता है। इसी प्रकार यदि हम आधुनिक व्यक्ति की चर्चा करें तो यह वह व्यक्ति होगा जिसमें अपने पर्यावरण की नयी दशाओं को समझने की अत्यधिक क्षमता होगी और उसके पास वह विधि एवं प्रणाली होगी। जिसके द्वारा वह उन नयी माँगों को अपने में आत्मसात कर सकेगा जो उसके आदत-प्रतिमान के बाहर विद्यमान होती है।

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