अरस्तू के सम्पत्ति सम्बन्धी विचारों की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिये।

अरस्तू के सम्पत्ति सम्बन्धी विचार – अरस्तू ने लिखा है कि, “राज्य अथवा परिवार के प्रयोग में लाये जाने वाले साधनों का सामूहिक नाम ही सम्पत्ति है।” अरस्तू के अनुसार सम्पत्ति दो प्रकार की होती है

  • सजीव सम्पत्ति- सजीव सम्पत्ति के अन्तर्गत गाय-भैंस, बैल, घोड़े, दास आदि को रखा जाता है।
  • निर्जीव सम्पत्ति- निर्जीव सम्पत्ति के अन्तर्गत खेत, मकान, कृषि, यंत्र, मुद्रा आदिको रखा जाता है।

अरस्तू ने सम्पत्ति के सम्बन्ध में भी परिवार की भाँति मध्यम मार्ग को अपनाया है। उसके अनुसार परिवार पर उतनी ही सम्पत्ति होनी चाहिए जितनी उसकी दैनिक आवश्यकताओं को पूर्ण कर सके। अधिक सम्पत्ति संग्रहीत हो जाने से वह व्यक्ति को पतन की ओर धकेलने लगती है।

इटली में पुनर्जागरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

(1) प्लेटो एवं अरस्तू के आदर्श राज्य के सम्बन्ध में विवासी ने लिखा है कि, “अरस्तू प्लेटो की भाँति राज्य की एकता पर अत्यधिक बल देते हुए इसे स्थापित करने के लिए व्यक्तिगत सम्पत्ति तथा परिवार की व्यवस्था का उन्मूलन नहीं करता।

(2) आदर्श राज्य की बागडोर प्लेटो ने दार्शनिक शासक को सौंपी है और अरस्तू मध्यम वर्ग के हाथों में।

(3) आदर्श राज्य में रहने वाले लोगों के लिये प्लेटो ने परिवार व सम्पत्ति के साम्यवाद | पर महत्त्व दिया है, जबकि नागरिकों के अच्छे जीवन की प्राप्ति के लिये अरस्तू ने परिवार व सम्पत्ति को अनिवार्य माना है।

(4) प्लेटो के अनुसार राज्य समुद्र तट से दूर होना चाहिये जबकि अरस्तू अपने आदर्श राज्य को जल और थल दोनों के साथ रखना चाहता है।

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