सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC) क्या है ।

सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति (MPC) – आय में थोड़ी सी वृद्धि के फलस्वरूप उपभोग में जो वृद्धि होती है उसे सीमान्त उपभोग प्रवृत्ति (MPC) कहते हैं। उदाहरण के लिए, जिस देश की कुल आय 1000 करोड़ रूपये की है वहाँ यदि कुल आय 1100 करोड़ रूपये हो जाती है। तो इससे उपभोग में वृद्धि होना स्वाभाविक है और उपभोग भी 900 करोड़ से बढ़कर 980 करोड़ रू. हो जाता है। इस प्रकार आय में 100 करोड़ रूपये की वृद्धि होने से उपभोग में 80 करोड़ की वृद्धि होती है।

सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC) क्या है ।
सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC) क्या है ।

कीन्स के अनुसार (MPC) सदैव धनात्मक होती है।

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