राजनीतिक दृष्टिकोण से निर्देशन की आवश्यकता का वर्णान कीजिए ?

राजनीतिक दृष्टिकोण से निर्देशन की आवश्यकता

राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देश में इस समय निर्देशन की बडी आवश्यकता है। राजनीतिक क्षेत्र में निर्देशन की आवश्यकता निम्नांकित बिन्दुओं से स्पष्ट होती है

(A) स्वदेश रक्षा-

स्वदेश रक्षा की दृष्टि से इस समय देश में निर्देशन की अत्यन आवश्यकता है। भारत अब तक पंचशील के सिद्धानों का अनुयायी रहा है किन्तु चीन और उसके पश्चात् पाकिस्तान के वर्वर आक्रमणों ने भारत को अपनी सुरक्षा को दृढ करने को मजबूर कर दिया है। सुरक्षा की मजबूती केवल सेना तथा युद्ध सामग्री को जुटा लेने से नहीं होती। जरूरत है योग्य सैनिकों तथा अफसरों का चयन करना ऐसे सैनिकों का चयन करना, जिनका मनोबल ऊंचा हो और जो आवश्यकता पडने पर अपना बलिदान भी दें। इसके लिए उपयुक्त चयन-विधि का विकास करना जरूरी है, उचित व्यक्तियों की तलाश करना जरूरी है। इन सबको केवल निर्देशन ही कर सकता है।

(B) प्रजातन्त्र की रक्षा

भारत इस समय विश्व के प्रजातन्त्र देशों में सबसे बड़ा देश है। यदि भारत में प्रजातन्त्र खतरे में पड जाता है तो यह समझना चाहिए कि सम्पूर्ण विश्व का प्रजातन्त्र खतरे में पड़ गया है। अतः हमें अपने अपने प्रजातन्त्र की रक्षा करनी है। इसके लिये हमें अपने अधिकारों व कर्त्तव्यों का ज्ञान प्राप्त करना अत्यन्त आवश्यक है। हमें अपनी बुद्धि तथा विवेक से उचित प्रतिनिधियों का चयन करने की आवश्यकता है अपने कर्तव्य व अधिकारों के ज्ञान उचित प्रतिनिधियों का चयन, देश के प्रति हमारे दायित्व आदि की दृष्टि से भी निर्देशन की आवश्यकता बढ जाती है।

व्यवसाय दृष्टिकोण से निर्देशन की आवश्यकता का वर्णान कीजिए ?

(C) धर्म-निरपेक्षता

भारत एक धर्म-निरपेक्ष देश है। यहाँ सभी धर्मों को समान रूप से मान्यता प्राप्त है। ऐसे धर्म-निरपेक्ष राष्ट्र में अन्य धर्मावलम्बियों के प्रति आचरण निश्चित करने में निर्देशन सहायक होता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top