समाज सदैव परिवर्तनशील एवं जटिल व्यवस्था है। स्पष्ट कीजिए।

समाज सदैव परिवर्तनशील समाज कभी भी स्थिर नहीं होता बल्कि इसमें सदैव परिवर्तन होता रहता है। इसका कारण यह है कि जैसे-जैसे व्यक्तियों की आवश्यकताओं, सामाजिक मूल्यों तथा दृष्टिकोण में परिवर्तन होता जाता है, सामाजिक सम्बन्धों की प्रकृति भी बदलने लगती है। सम्बन्धों की प्रकृति में होने वाले परिवर्तन के अनुसार ही समाज भी एक नया रूप लेने लगता है। उदाहरण के लिए, कुछ समय पहले तक हमारे सामाजिक सम्बन्ध बाल-विवाह, स्त्रियों की निम्न परिस्थिति, धार्मिक अन्धविश्वासों तथा जाति पर आधारित मूल्यों पर आधारित थे। आज विलम्ब विवाह, स्त्रियों की स्वतन्त्रता, प्रगतिशील विचारों तथा जनतांत्रिक मूल्यों को अधिक महत्व मिलने के कारण सामाजिक सम्बन्ध भी एक नये ढंग से स्थापित होने लगे और इस प्रकार समाज का रूप बिल्कुल बदल गया। इससे स्पष्ट होता है कि परिवर्तनशीलता समाज की एक प्रमुख विशेषता है।

जनजातियों में महिलाओं की प्रस्थिति का वर्णन कीजिये।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top