समाजशास्त्र और इतिहास के मध्य सम्बन्धों
समाजशास्त्र एवं इतिहास के मध्य इतनी नजदीकियां है कि दोनों को पृथक-पृथक करके अध्ययन करना एक दुष्कर कार्य होगा। इतिहास केवल विभिन्न साम्राज्यों के उत्थान एवं पतन की कहानी ही नहीं है बल्कि उन सामाजिक स्थितियों की विवेचना भी है जो इतिहास के विभिन्न चरणों में सक्रिय होती रही है। आधुनिक इतिहासकार अब सामाजिक इतिहास (social history) की चर्चा अधिक करते है। इरफान हबीब की प्रसिद्ध पुस्तक द एग्रेरियन सिस्टम ऑव मुगल इंडिया केवल इतिहास के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि समाजशास्त्रियों के लिए भी समान रूप से महत्वपूर्ण है। उसी प्रकार, प्रोफेसर आर०एस० शर्मा ने प्राचीन भारत की सामाजिक व्यवस्था का जो चित्रण प्रस्तुत किया है वह समाजशास्त्रियों के लिए भी अतिशय उपादेय है। मार्क्स का समाजशास्त्रीय सिद्धांत मुख्य रूप से इतिहास की व्याख्या पर आधारित है। ऑर्नल्ड ऑयनवी की प्रसिद्ध कृति ए स्टडी ऑव हिस्ट्री समाजशास्त्र के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण सिद्ध हुई है।