शैक्षिक अवसरों की समानता का सामान्य अर्थ है देश के सभी बच्चों को बिना किसी भेद भाव के शिक्षा प्राप्त करने के समान अवसर और समान सुविधाएँ प्रदान करना। परन्तु समान अवसर और समान सुविधाओं के सम्बन्ध में विद्वानों के भिन्न-भिन्न मत हैं। कुछ विद्वान शिक्षा प्राप्त करने के समान अवसर और समान सुविधाओं से अर्थ देश के सभी बच्चों के लिए एक समान शिक्षा अर्थात् समान पाठ्यक्रम से लेते हैं। आप ही विचार करें कि विविधता के इस देश भारत में ऐसा कैसे हो सकता है। फिर सामान्य शिक्षा तो सबके लिए समान हो सकती है और होती भी है परन्तु विशिष्ट शिक्षा तो बच्चों की रुचि, रुझान, योग्यता और क्षमता आधार पर ही दी जा सकती है। इसके विपरीत कुछ विद्वान इसका अर्थ शिक्षा संस्थाओं के समान रूप से लेते हैं, वे सरकारी, गैरसरकारी और पब्लिक स्कूलों के भारी अन्तर को समाप्त करने के पक्ष में हैं।
इनका तर्क है कि उसी स्थिति में सभी को शिक्षा के समान अवसर मिल सकते हैं अन्यथा धनी वर्ग के बच्चे पब्लिक स्कूलों की अच्छी शिक्षा प्राप्त करते रहेंगे और निर्धन वर्ग के बच्चे सरकारी एवं गैरसरकारी स्कूलों की निम्न स्तर की शिक्षा ही प्राप्त कर सकेंगे। आप ही विचार करें कि लोकतन्त्र में ऐसा कैसे किया जा सकता है। आवश्यकता है निर्धन वर्ग के मेधावी छात्रों के लिए अच्छी शिक्षा की व्यवस्था करने की, न कि अच्छी शिक्षा संस्थाओं को बन्द करने की। इनके विपरीत कुछ विद्वान शैक्षिक अवसरों की समानता से अर्थ शिक्षा के किसी भी स्तर पर सभी बच्चों को प्रवेश की सुविधा प्रदान करने से लेते हैं। इनका तर्क है कि शिक्षा मनुष्य का मौलिक अधिकार है। परन्तु यह धारणा भी गलत है, अधिकार के साथ कर्तव्य जुड़ा होता है। समान अवसरों के पीछे समान योग्यता एवं समान क्षमता का भाव निहित है। जहाँ तक अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा की बात है उसके अवसर तो सभी को सुलभ कराना आवश्यक है परन्तु उससे आगे की शिक्षा के अवसर योग्यता एवं क्षमता के आधार पर ही सुलभ कराने चाहिए।
- हमारे देश में शैक्षिक अवसरों की असमानता क्यों हैं ? अथवा भारत में शिक्षा के असमानता हेतु उत्तरदायी कारकों का उल्लेख कीजिए।
- शैक्षिक अवसरों की समानता का अर्थ एवं परिभाषा बताइये। अथवा शैक्षिक अवसरों की समानता की आवश्यकता बताइये।
- भारत में शिक्षा में समानता का क्या अर्थ है ? शिक्षा में समानता की क्या अथवा आवश्यकता है ? शिक्षा में समानता लाने के कुछ उपाय बताइये।
- भारतीय सामाजिक व्यवस्था में व्याप्त असमानताओं पर प्रकाश डालिए। इन्हें किस प्रकार दूर किया जा सकता है।
- भारतीय समाज पर इस्लाम के प्रभाव की विवेचना कीजिए।